अवैध पंडाल गिराने वाले मनपा अधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा दे सरकार: हाईकोर्ट

Illegal pandals :  Government Should give proper security to Municipal officials : HC
अवैध पंडाल गिराने वाले मनपा अधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा दे सरकार: हाईकोर्ट
अवैध पंडाल गिराने वाले मनपा अधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा दे सरकार: हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार अवैध पंडालों को गिराने जाने वाले महानरपालिकाओं के अधिकारियों की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करे। ताकि अधिकारियों को कार्रवाई के दौरान दिक्कतों का सामना न करना पड़े। न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति एमएस सोनक की खंडपीठ ने यह बात सामाजिक कार्यकर्ता महेश बेडेकर व अावाज फाउंडेशन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। इससे पहले खंडपीठ ने पाया कि मुंबई में 44 ऐसे पंडाल थे जिन्हें बनने के बाद मंजूरी दी गई है। खंडपीठ ने इसके लिए जिम्मेदार मुंबई महानगर पालिका के 13 सहायक आयुक्तों के खिलाफ न्यायालय की अवमानना की कार्रवाई के संकेत दिए। सुनवाई के दौरान मनपा की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल साखरे ने कहा कि 14 सितंबर 2018 तक 60 से अधिक अवैध पंडाल गिराए गए हैं। कुछ जगहों पर पंडाल के भीतर भगवान गणेश की मूर्ति होने के चलते पंडाल गिराने में दिक्कत आयी है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि सरकार अवैध पंडालों को गिराने जाने वाले अधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करे। 

इस बीच याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रोहन कामा ने कहा कि अदालत ने पिछले साल ही अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि अवैध पंडालों को न बनने दिया जाए। कोर्ट ने सार्वजनिक जगहों व ट्रैफिक में अवरोध पैदा करने वाली जगहों पर पंडाल बनाने पर रोक लगाई थी। अदालत ने पिछले साल इस मामले में नरम रुख अपनाया था। इससे इस साल भी अवैध पंडाल बने हैं। इसलिए इस प्रकरण में कड़ा रुख अपनाया जाए। इस पर मनपा के वकील श्री साखरे ने कहा कि उन्हें इस मामले में 13 सहायक मनपा आयुक्तों का हलफनामा दायर करने के लिए समय दिया जाए। इसके बाद खंडपीठ अपना फैसला सुनाए। 

नाशिक में पुलिस द्वारा अनुमति दिए जाने पर अदालत हैरान 

वहीं नाशिक महानगरपालिका के वकील ने कहा कि इस बार गणेश पंडाल बनाने के लिए पुलिस विभाग की तरफ से अनुमति दी गई है। इस बात को जानने के बाद भी खंडपीठ ने नाराजगी जाहिर की। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 23 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी है। इससे पहले सामाजिक कार्यकर्ता भगवानजी रयानी ने खंडपीठ के सामने कहा कि उनकी जान को खतरा है। इस पर खंडपीठ ने सरकारी वकील को रयानी की सुरक्षा को लेकर जरुरी कदम उठाने को कहा। 
 

Created On :   19 Sept 2018 4:37 PM GMT

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