निजी अस्पताल की अवैध वसूली, ऑक्सीजन मास्क निकालने की धमकी देकर वसूले पैसे

Illegal recovery of private hospital, money recovered by threatening to remove oxygen mask
निजी अस्पताल की अवैध वसूली, ऑक्सीजन मास्क निकालने की धमकी देकर वसूले पैसे
निजी अस्पताल की अवैध वसूली, ऑक्सीजन मास्क निकालने की धमकी देकर वसूले पैसे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गुरुवार को शहर के पांचपावली पुलिस थाने में क्रिस्टल नर्सिंग होम के प्रबंधन के खिलाफ सदोष हत्या का मामला दर्ज करने के लिए निवेदन दिया गया। इसी अस्पताल के दूसरे मामले में पूरा पैसे भरने के बाद भी मृतक के परिजन को सप्ताहभर से बिल के लिए चक्कर कटवाए जा रहे हैं

मामला-1

6 दिन का पैकेज बताया 2 लाख रुपए :न्यू सूभेदार ले-आउट निवासी 60 वर्षीय दिलीप कडेकर कोरोना पॉजिटिव थे। उन्हें 22 अप्रैल को रानी दुगावती चौक स्थित क्रिस्टल नर्सिंग होम में भर्ती किया गया था। दिलीप के बेटे प्रणित ने बताया कि, उन्हें मनपा कोटे में भर्ती किया गया था। भर्ती करते समय 6 दिन का पैकेज 2 लाख रुपए बताया गया था। पहले ही दिन 1 लाख रुपए जमा करवा लिए थे। अगले दिन से हर रोज कभी 30 हजार तो कभी 50 हजार रुपए मांगे जाते थे। 4 दिन पहले तक उन्होंने 3.50 लाख रुपए का भुगतान किया था। बुधवार, 12 मई की रात दिलीप की मौत हुई। 20 दिन तक उनका इलाज के दौरान परिजन अस्पताल प्रबंधन से बार-बार बिल मांगते रहे, लेकिन प्रबंधन आनाकानी करता रहा। तीन बिल दिए, जो दो अलग-अलग अस्पतालों के हैं। इसमें एक बिल क्रिस्टल का और दूसरा वरुणम् सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का है।

ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट मांगी, तो भी पैसे मांगे

पूरा बिल 6 लाख रुपए का निकाला गया है। अभी यह बिल मिलना बाकी है। इसमें पैथॉलॉजी के 8,500 रुपए लगाए जाने की जानकारी दी गई। हर दूसरे दिन पैथॉलॉजी के बिल जोड़े गए हैं। 10 दिन में 100 बार शूगर चेक की गई है। इसके अनाप-शनाप पैसे जोड़े गए हैं। ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट मांगी, तो प्रबंधन ने और पैसे मांगे। जब परिजनों ने और पैसे नहीं दिए तो उनका बाॅयपास मॉस्क निकालकर ऑक्सीजन मॉस्क लगाया गया। बुधवार की दोपहर दो बजे प्रणित ने पापा से मोबाइल पर बात की थी। वे ठीक थे। उनके लिए शाम को भोजन लेकर जाना था। शाम 7 बजे अस्पताल से कॉल आया कि उनकी हालत नाजुक है। जब प्रणित 9 बजे अस्पताल पहुंचा, तो उनके पिताजी की मौत होने की जानकारी दी गई।

मामला-2

बिल के लिए हफ्तेभर लगाए चक्कर

गोंदिया निवासी 57 वर्षीय देवीलाल चौधरी को 16 अप्रैल को क्रिस्टल नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। 7 मई को उनकी मौत हुई। परिजनों ने 5 लाख रुपए का भुगतान किया, लेकिन अब बिल के लिए अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं। देवीलाल का बेटा नीतीश पुलिस कांस्टेबल है। नीतीश को इलाज पर हुए खर्च के बिल अपने विभाग में जमा करवाने हैं। इसके लिए वह सप्ताहभर से अस्पताल के चक्कर काट रहा है। गुरुवार को सुबह नीतीश ने मनपा के एक अधिकारी से बात की। इस अधिकारी ने अस्पताल प्रबंधन को बिल देने का निर्देश दिया तो प्रबंधन ने हामी भरी, लेकिन बाद में नीतीश को और रुकने को कहा गया। शाम 5 बजे बिल मिले। बिल में कई गड़बड़ियां होने का आराेप नीतीश ने लगाया है। नीतीश ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन के 5000 रुपए लगाए गए हैं। उक्त दोनों मामले में पूर्व महापौर संदीप जोशी के नेतृत्व में पांचपावली थाने में शिकायत दी गई है। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय मेंढे ने न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।


शिकायत मिली है  उसकी जांच होगी

संजय मेंढे, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक, पांचपावली थाना के मुताबिक इस मामले में पीडित की शिकायत मिली है। उस शिकायत की जांच होगी। उसके बाद आगे की जो भी कार्रवाई होगी, वह की जाएगी।

अस्पताल के बिल पर शिकायत निवारण समिति करेगी सुनवाई

वहीं कोरोना इलाज से जुड़े विविध मुद्दों पर सुनवाई के लिए हाईकोर्ट द्वारा गठित शिकायत निवारण समिति के अधिकार बढ़ाए गए हैं। प्रशासन के कोविड कंट्रोल रूम द्वारा निजी अस्पताल में भर्ती कराए गए मरीज यदि इलाज का खर्च नहीं उठा पाते हैं, तो यह समिति मामले की सुनवाई करेगी। इतना ही नहीं, 15 से 30 दिन के बीच फैसला भी देगी। समिति की इस सिफारिश के आधार पर कोर्ट संबंधित फंड से अस्पताल का भुगतान करने पर फैसला करेगा। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने यह आदेश जारी किया है। 
 

Created On :   14 May 2021 11:43 AM IST

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