तीन जिलों की आठ तहसीलों में मध्यम सूखा -  यवतमाल और वाशिम का इलाका शामिल

In 8 tehsils of 3 districts has been declared middle dry in state
तीन जिलों की आठ तहसीलों में मध्यम सूखा -  यवतमाल और वाशिम का इलाका शामिल
तीन जिलों की आठ तहसीलों में मध्यम सूखा -  यवतमाल और वाशिम का इलाका शामिल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। तीन जिलों की आठ तहसीलों में मध्यम स्वरूप का सूखा घोषित किया गया है। जलगांव जिले की मुक्ताईनगर और बोदवड तहसील, यवतमाल जिले की रालेगांव, दिग्रस, घाटंजी, केलापुर, यवतमाल तहसील और वाशिम जिले की वाशिम तहसील में मध्यम स्वरूप का सूखा घोषित किया गया है। बुधवार को प्रदेश के राजस्व विभाग की तरफ से इससे संबंधित शासनादेश जारी किया। इसके अनुसार इन तहसीलों हुई कम बारिश, फसलों की स्थिति और भूजल स्तर समेत अन्य मुद्दों को ध्यान में रखते हुए सूखे की घोषणा की गई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे ने पिछले साल नागपुर के शीतकालीन सत्र में जलगांव की तीन तहसालों को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की थी। तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित नहीं किए जाने से नाराज खडसे ने सदन में भी सरकार पर हमला बोला था। जिसके बाद अब सरकार ने जलगांव की दो तहसीलों को सूखाग्रस्त इलाकों की सूची में शामिल किया है। 

सूखाग्रस्त तहसीलों को मिलेंगे ये लाभ 
सरकार के शासनादेश के अनुसार मध्यम स्वरूप का सूखा घोषित की जाने वाली तहसीलों में कृषि पंपों के बिजली बिल में 33.50 प्रतिशत छूट दी जाएगी। किसानों कृषि पंपों का बिजली कनेक्शन नहीं काटा जाएगा। सहकारी कर्ज का पुनर्गठन किया जाएगा। खेती से जुड़े कर्ज की वसूली रोकी जाएगी। साथ ही स्कूल और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों का परीक्षा शुल्क माफ किया जाएगा। आठों तहसीलों के स्कूलों में छुट्टी के दौरान भी दोपहर के भोजन की व्यवस्था जारी रहेगी। जमीन राजस्व में रियायत दी जाएगी। मनरेगा अंतर्गत किए जाने वाले कामों के लिए तय मापदंडों में कुछ छुट दी जाएगी। आवश्यक जगहों पर जलापूर्ति के लिए टैंकरों का इस्तेमाल होगा।

विभिन्न प्रकार की मदद करने संबंधी सरकार का आदेश अगले छह महीनों के लिए लागू रहेगा। बहुवार्षिक फलों और बागायती फसलों का नुकसान 33 प्रतिशत से ज्यादा होने की स्थिति में सभी खेतों का पंचनाम किया जाएगा। साथ ही ऐसे खेतों का ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) की मदद से तस्वीरें निकाली जाएंगी। जिन किसानों की फसलों का औसत से 67 प्रतिशत कम उत्पादन होगा, उनको सरकार की तरफ से आर्थिक मदद दी जाएगी। 
 

Created On :   25 April 2018 3:23 PM GMT

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