बच्चों को इंग्लिश मीडियम में पढ़ाने की चाहत, मनपा स्कूलों में घट रही छात्रों की संख्या

In desire of English Medium, Some parents neglected municipal schools
बच्चों को इंग्लिश मीडियम में पढ़ाने की चाहत, मनपा स्कूलों में घट रही छात्रों की संख्या
बच्चों को इंग्लिश मीडियम में पढ़ाने की चाहत, मनपा स्कूलों में घट रही छात्रों की संख्या

@नीरज दुबे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में मनपा की स्कूलों में यूनिफार्म वितरण व्यवस्था को लेकर हंगामा होता रहा है। प्रशासन द्वारा यूनिफार्म की रकम पालकों को देने के बाद भी कई बार यूनिफार्म खरीदी नहीं हो पाती थी। इसके बाद पालकों को यूनिफार्म खरीदकर बिल की रकम का भुगतान करने की योजना बनाई गई, लेकिन पालकों और विद्यार्थियों के आधार कार्ड और बैंक खाते नहीं होने से इसमें भी सफलता नहीं मिली। प्रशासन और शिक्षा विभाग ने विशेष प्रावधान में आधार कार्ड बनाने का भी प्रयास किया, लेकिन यह प्रयास भी विफल हो गया।

आखिरकार बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सहयोग से पिछले साल प्रीपेड कार्ड विद्याधन योजना को लागू किया गया। इस योजना के तहत 29 माध्यमिक स्कूलों एवं 4 जूनियर कॉलेजों के साथ ही 131 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल के विद्यार्थयों को यूनिफार्म मुहैया कराने का लक्ष्य था। इस योजना की बदौलत 160 स्कूलों के 22,766 विद्यार्थियों को यूनिफार्म मिल गए। इतना ही सरकारी योजना को अनूठे रूप में साकार करने के चलते राज्य में प्रथम स्थान नागपुर मनपा को मिला है। 

मनपा की स्कूलों में नहीं पढ़ाना चाहते अभिभावक 
अंग्रेजी शिक्षा की चाह में अभिभावक अपने बच्चों को मनपा की स्कूलों में नहीं पढ़ाना चाहते हैं। इससे इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या भी घटने लगी है। कई स्कूल तो बंद भी हो गए। परेशान सरकार और मनपा प्रशासन मनपा स्कूलों में विद्यार्थियों का प्रवेश दिलाने उनके पालकों रिझाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही हैं। लेकिन योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में कई तरह की समस्याएं आती रहती हैं। पिछले साल मनपा स्कूलों के विद्यार्थियों को डीबीटी योजना में यूनिफार्म देने का फैसला किया गया था, लेकिन विद्यार्थियों के बैंक खाते और आधार कार्ड नहीं होने के चलते इसमें सफलता नहीं मिली।

ऐसे में मनपा उपायुक्त रंजना लाड़े ने अनूठी विद्याधन प्रीपेड कार्ड योजना शुरू की है। इससे बिना आधार कार्ड और बैंक खाते के विद्यार्थियों को डीबीटी का लाभ मिलना संभव हो गया है। यूनिफार्म खरीदी करने के बाद स्वाइप मशीन की सहायता से विद्यार्थी और पालक भुगतान कर सकेंगे। इस योजना से पालकों को यूनिफार्म खरीदी के लिए खुद की जेब से खर्च भी नहीं करना होगा। यही नहीं नागपुर महानगर पालिका सरकारी योजना को अनूठे रूप में साकार करने वाली पहली मनपा बन गई है। 

लाभार्थियों के बैंक खाते में जमा होती है रकम 
राज्य सरकार के वित्त एवं नियोजन विभाग ने 5 दिसंबर 2016 को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) की अधिसूचना जारी की थी। इसके मुताबिक सरकारी योजना के अनुदान को डीबीटी के तहत लाभार्थियों के बैंक खाते में देना है। इसके अलावा सरकार के सभी विभाग को लाभार्थियों को मुहैया कराए जाने वाली सामग्री की सूची बनाकर भी दी गई है। इन सामग्री की खरीदी के लिए दरों को भी स्थानीय विशेषज्ञ समिति (लोकल एक्सपर्ट कमेटी) की अनुशंसा को मंजूर किया गया है। इस दर के मुताबिक लाभार्थियों को वस्तु अथवा सामग्री की खरीदी करनी होती है। इस खरीदी का संंबंधित विभाग को बिल, बैंक खाता एवं अन्य जानकारी लाभार्थी को देना होता है। इसके बाद लाभार्थियों के बैंक खाते में रकम जमा की जाती है। इस तरह से लाभार्थी को खुद की रकम के साथ ही वस्तु आसानी से मिल रही है।
 

Created On :   1 April 2018 2:38 PM IST

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