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सरकारी कार्यालयों में मिलेगा घर जैसा खाना, महिलाओं की कैंटीन ‘पोटोबा’

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महिला एवं बाल कल्याण विभाग की नई पहल ‘पोटोबा’ के तहत महिलाओं को मिलेगा रोजगार। ‘पोटोबा’ अर्थात खवईया। महानगरपालिका अपने परिसर में ही ऐसे कैंटीन की शुरुआत करने जा रही है, जिसका संचालन सिर्फ महिलाएं करेंगी। अन्य सरकारी विभागों में भी पोटोबा शुरू करने की योजना है। इससे खासकर उन महिलाओं को रोजगार मिलेगा, जो स्वयं सहायता समूह के तहत पंजीकृत हैं। एक कैंटीन में 5 से 7 महिलाओं को रोजगार मिलेगा। अहम बात यह कि यहां मिलने वाली खाद्य सामाग्रियों के दाम भी ज्यादा नहीं होंगे।
‘पोटोबा’ और महिलाओं का तालमेल
चूंकि महिलाओं में रसोई की स्वच्छता को लेकर ज्यादा समझ होती है, इसलिए ‘पोटोबा’ खोलने के पीछे यही मुख्य वजह है कि परिवार में सभी सदस्यों के स्वास्थ्य का खास ध्यान रखती हैं और कैंटीन में भी वे पूरी तरह स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए काम करेंगी। इसके लिए महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा कि किस तरह से उन्हें ‘पोटोबा’ में बिकने वाली सामग्रियों को बनाना है और किन उपकरणों का किस तरह से उपयोग करना है, साथ ही खाने में डाले जाने वाले मसालों की मात्रा कितनी होनी चाहिए।
खासियत
इस कैंटीन की विशेषता यह है कि यहां किसी भी प्रकार का स्ट्रीट फूड सर्व नहीं किया जाएगा। यहां वही फूड होगा, जिसकी न्यूट्रिशियस वैल्यू हाई होगी। सेंडविच, जूस, फ्रूट चाट जैसी चीजें यहां सर्व की जाएंगी। बाकायदा इनके लिए अच्छी सामग्री का उपयोग किया जाएगा। सरकार का जो फूड चार्ट है, उसी के अनुसार खाने की सामाग्रियों में प्रोटीन, फैट एवं न्यूट्रियंट्स की मात्रा रहेगी, ताकि खाने वाले को किसी प्रकार का नुकसान न हो।
आवश्यकता इसलिए
सरकारी विभागों में कैंटीनों में काफी भीड़ रहती है, क्योंकि आम लोगों का आना-जाना तो लगा ही रहता है, कर्मचारी भी इन पर निर्भर रहते हैं। नागपुर के अधिकतर सरकारी दफ्तरों में समोसा, आलू बोंडा ही उपलब्ध रहता है। इनका नियमित सेवन किया जाए तो सेहत पर असर पड़ सकता है। लिहाजा, आज आवश्यकता है कि कैंटीनों में सर्व की जा रही खाद्य सामाग्रियों में बदलाव हो, उन्हें बनाने की प्रक्रिया सुरक्षित एवं स्वच्छ हो। यह कैंटीन बंबू से बनाया गया है, इसलिए यह पुरातन शैली का नजर आता है। महिलाओं द्वारा संचालित होने वाला यह पहला कैंटीन होगा, जिसमें किसी भी प्रकार से पुरुषों का हस्तक्षेप नहीं होगा। ‘पोटोबा’ में सिर्फ महिलाएं काम करेंगी।
पाककला का गुण ही महिलाओं को बनाएगा सशक्त
प्रगति पाटील सभापति महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के मुताबिक हमारा प्रतिवर्ष महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने एवं आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रहता है। पाककला महिलाओं का खास गुण है, इसलिए हमने सोचा क्यों न इसी का उपयोग कर उन्हें सशक्त बनाया जाए। सरकारी विभागों में कैंटीनों के हालात इतने अच्छे नहीं है। ‘पोटोबा’ के आने से सभी को स्वच्छ एवं स्वस्थ आहार मिलेगा।
Created On :   2 Jan 2019 4:12 PM IST