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असंतुष्टों से परेशान कांग्रेस, नहीं कर पा रही बड़े प्रोग्राम, नहीं सुधर रहे हालात

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर कांग्रेस में असंतुष्ट गुट सक्रिय है। समन्वय के प्रयास पर कुछ नेता निरंतर पानी फेर रहे हैं। लिहाजा स्थिति यह है कि चुनाव तैयारी के तहत बड़े कार्यक्रमों के नियोजन में अड़चन महसूस की जाने लगी है। लोकसभा चुनाव की तैयारी के तहत तीन राज्यों में कांग्रेस नेतृत्व की सरकार के मुख्यमंत्रियों के सत्कार का कार्यक्रम शहर में आयोजित किया जा रहा था, लेकिन उस कार्यक्रम को फिलहाल अनिश्चित समय के लिए लंबित रखा गया है। इस बीच अचानक सक्रिय हुई गुटबाजी ने संगठन कार्य में परेशानी बढ़ा दी है।
इधर , चतुर्वेदी का समर्थन : असंतुष्ट गुट में गिने जाने वाले पदाधिकारियों ने शहर में ही बैठक लेकर प्रस्ताव तैयार कर लिया। यशवंत कुंभलकर की अध्यक्षता में हुई बैठक में विकास ठाकरे का विरोध जताया गया। चतुर्वेदी का समर्थन किया गया। उम्मीदवार को लेकर कुछ नामों पर चर्चा की गई। विधायक निवास में हुई इस बैठक के बाद बुधवार को भी कुछ कार्यकर्ता एकजुट हुए। मनपा में नेता प्रतिपक्ष तानाजी वनवे के कार्यालय में जमा होकर प्रियंका गांधी के अभिनंदन कार्यक्रम के बहाने एकजुटता दिखाने का निर्णय लिया गया। गुरुवार को भी असंतुष्ट गुट के कार्यकर्ता मिले।
दिल्ली तक लगी दौड़ : गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस की जनसंघर्ष यात्रा के पांचवें चरण का समापन नागपुर में हुआ। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान में कांग्रेस की सफलता का यहां यशोगान किया जाना था। उन राज्यों के मुख्यमंत्री कमलनाथ, भूपेश बघेल व अशोक गहलाेत का सत्कार किया जाना था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को आमंत्रित करने की तैयारी थी, लेकिन कार्यक्रम का नियोजन नहीं हो पाया।
नेताओं से मुलाकात में कही ये बातें
प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण की उपस्थिति में पश्चिम नागपुर में एक सभा भर हुई। विविध गुटों के नेता सभा में शामिल नहीं हो पाए। उसके बाद लोकसभा उम्मीदवार को लेकर हलचल मची। शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे के साथ उनके समर्थक पदाधिकारी व कार्यकर्ता दिल्ली पहुंचे। 3 दिन के दौरे में इन पदाधिकारियों ने कुछ नेताओं से मुलाकात की, लेकिन राहुल गांधी से मुलाकात नहीं हो पाई। ठाकरे समर्थकों ने दिल्ली में नेताओं से मुलाकात के दौरान जो चर्चा की उसमें यही बात प्रमुखता से शामिल थी कि पार्टी से बाहर किए गए सतीश चतुर्वेदी व टिकट दावेदारों में गिने जा रहे नाना पटोले, नितीन राऊत, आशीष देशमुख को अधिक महत्व न दिया जाए।
गुटबाजी पर नियंत्रण नहीं
तमाम स्थिति को देखते हुए साफ है कि शहर में गुटबाजी पर नियंत्रण नहीं है। नितीन राऊत व नाना पटोले का स्थानीय स्तर पर विरोध किया जा रहा है, लेकिन इन नेताओं को केंद्रीय स्तर पर संगठन में महत्चपूर्ण जिम्मेदारी मिल रही है। राऊत को अखिल भारतीय कांग्रेस ने एससी सेल का अध्यक्ष बना दिया है। पटोले को किसान मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है। लोकसभा चुनाव व्यवस्था समिति में भी असंतुष्ट गुट के नेताओं को स्थान मिल रहा है। लिहाजा शहर कांग्रेस के पदाधिकारियाें का कहना है कि स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं में निराशा की स्थिति बन रही है। तमाम स्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्रियों के सत्कार कार्यक्रम को रोक दिया गया है।
Created On :   25 Jan 2019 1:28 PM IST