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मां की गोद में सिर रखते ही हुई हलचल, पंपिंग के बाद लौटी युवक की सांसें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मां की ममता जैसी दुनिया में कोई चीज नहीं है। इसका जीता जागता उदाहरण देखने को मिला। हुआ यूं कि, जिंदगी से घबराकर और काम धंधे को लेकर घर के लोगों के कटाक्ष से परेशान चनकापुर जयभोले नगर निवासी एक युवक ने अन्ना मोड़ के पास शिव मंदिर के समीप शेड में गमछे से लोहे के एंगल से फंदा लगाकर फांसी लगा ली। उसकी सांसे थम चुकी थी, लेकिन मां की ममता नहीं मानी पंपिंग करने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसका उपचार चल रहा है।
पम्पिंग भी काम न आई
मालूम होते ही दौड़ी-दौड़ी मौके पर पहुंची मां को उसका बेटा राजा कापसे (30) फांसी के फंदे पर लटका दिखाई दिया। यह नजारा देख घबराई मां जोर-जोर से चिल्लाने लगी। इसी दौरान कुछ दूरी पर खड़े खापरखेड़ा पुलिस स्टेशन के दो कर्मचारी बंडू कोकाटे, नीलेश बीजवाड़ महिला के चिल्लाने की आवाज सुनकर वहां पहुंचे। कैटरर्स का काम करने वाले राजकिरण शेंडे, पीयूष वाहने भी वहां पहुंचे और फंदे से राजा को तुरंत नीचे उतारा, लेकिन तब तक राजा के प्राण पखेरू उड़ चुके थे। राजकिरण व कॉन्स्टेबल निलेश बीजवाड़ ने पंपिंग करना शुरू किया, लेकिन राजा की सांसें रुकी रही। हताश होकर सभी ने उम्मीद छोड़ दी।
मां ने गोदी में सिर रखने के बाद हुई हलचल
किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। मां की ममता नहीं मानी और अपने राजा का सिर अपनी गोदी में रखकर उसके सिर पर हाथ फेरने लगी और फूट-फूटकर रोने लगी। पड़ी। इसी दौरान मां को राजा के शरीर में हल्की सी हलचल महसूस हुई। यह देखकर कॉन्स्टेबल बंडू कोकाटे पुलिस स्टेशन से गाड़ी लाने के लिए निकल पड़ा। राजा का नसीब ही कहें कि, उसी वक्त दूल्हे को लाने के लिए वहां से टवेरा गाड़ी गुजर रही थी। भीड़ देखकर टवेरा चालक शैलेश नारनवरे भी वहां पहुंचा।
मेयो में है भर्ती, खतरे से हैं बाहर
राजा को तुरंत कोराडी के स्वामी विवेकानंद हॉस्पिटल में ले जाया गया। वहां से उसे मेयो अस्पताल में दाखिल रैफर किया गया। जहां राजा खतरे से बाहर बताया जा रहा है।
Created On :   3 Jun 2019 1:48 PM IST