शहर में बिना इजाजत के लगे हैं कई टावर, हिदायत के बावजूद नियमों को किया दरकिनार

In the city, without permission, many towers are planted despite instructions
शहर में बिना इजाजत के लगे हैं कई टावर, हिदायत के बावजूद नियमों को किया दरकिनार
शहर में बिना इजाजत के लगे हैं कई टावर, हिदायत के बावजूद नियमों को किया दरकिनार

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  शहर में मोबाइल टॉवर लगाने के लिए 2014 में नए नियम बने हैं लेकिन इसके बाद भी कई टावर बिना इजाजत के लगाए गए हैं।   कितने टॉवर लगे? इसका आंकड़ा मनपा व नागपुर सुधार प्रन्यास के पास नहीं है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि 50 से ज्यादा टॉवर बिना इजाजत लगाए गए हैं। वहीं मोबाइल टॉवर लगाने की मंजूरी के कड़े नियमों के चलते मनपा को हर साल लाखों का नुकसान हो रहा है। शहर में मोबाइल टॉवर लगाने के लिए मनपा के नियमों का पालन करना पड़ता है। इसके लिए इमारतों का निर्माण नगर रचना विभाग द्वारा मंजूर नक्शे के अनुरूप होना चाहिए।

मनपा को सरकार की सख्त हिदायत
सरकार ने मनपा को सख्त हिदायत दी है कि मंजूर नक्शे के अनुरूप निर्माणकार्य होने पर ही मोबाइल टॉवर लगाने की अनुमति दी जानी चाहिए। मनपा का दावा है कि कोई भी व्यक्ति मंजूर नक्शे के अनुसार निर्माणकार्य नहीं करता। इस कारण मनपा किसी को भी टॉवर लगाने की मंजूरी नहीं दे रही। इस समय मनपा के कार्यक्षेत्र में 531 और नासुप्र के कार्यक्षेत्र में 142 मोबाइल टॉवर हैं। शहर में अलग-अलग कंपनियों के कुल 673 मोबाइल टॉवर हैं। मनपा हर साल मोबाइल टॉवर कंपनियों से टैक्स वसूली के लिए डिमांड भेजती है। 2016-17 वित्तीय वर्ष में 26 करोड़ 20 लाख 51 हजार 544 रुपए के डिमांड भेजे गए। इसमें से मनपा 20 करोड़ 57 लाख 72 हजार 569 रुपए की वसूली कर चुकी है। साल भर से कंपनियाें पर मनपा का 5 करोड़ 62 लाख 78 हजार 975 रुपए बकाया है। 

मंजूर नक्शे के अनुसार नहीं बनतीं इमारतें
मनपा सूत्रों के सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो इमारतें मंजूर नक्शे के अनुरूप बनी हैं, केवल वहीं टॉवर लगाने की इजाजत दी जाए। जो इमारतें मंजूर नक्शे के अनुरूप नहीं बनी है, वहां टॉवर लगाने की मंजूरी देने की मनाही की गई है। मनपा 2014 से सरकार के इस निर्देश का पालन कर रही है। सूत्रों ने बताया कि कोई भी व्यक्ति इमारत निर्माण के दौरान मंजूर नक्शे का शत-प्रतिशत पालन नहीं करता। इस कारण कोई भी इमारत टॉवर लगाने के लिए तय मानकों पर खरी नहीं उतरती। सरकार के निर्देश को देखते हुए ऐसी इमारतों पर टॉवर लगाने की अनुमति नहीं दी जाती। इस कारण 2014 से किसी को भी टॉवर लगाने की इजाजत नहीं दी गई है। इससे मनपा को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। 

नये की अनुमति नहीं
हम सरकार के निर्देशानुसार काम करते हैं। नये टॉवर लगाए जा रहे हों तो हम कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन नये टॉवर लगाने की अनुमति नहीं दी जा रही। दूसरा टॉवर के संबंध में न्यायालय के कुछ निर्देश हैं। इस कारण पुराने टॉवर को लेकर हम कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। वैध-अवैध टॉवर, कमजोर इमारतें आदि का सर्वे कर इसकी जानकारी रखना जोन की जिम्मेदारी है। ऐसा पाये जाने पर कार्रवाई करने का अधिकार जोन को होता है। 
-कन्हैया राठौड़, प्रभारी (मोबाइल टॉवर) इमारत विभाग, मनपा

Created On :   13 March 2018 2:31 PM IST

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