बारिश में बढ़ती है सर्पदंश की घटनाएं... स्वास्थ्य केन्द्रों में नहीं है इलाज की सुविधा, सांप के डंसने पर जिला अस्पताल ही सहारा

बारिश में बढ़ती है सर्पदंश की घटनाएं... स्वास्थ्य केन्द्रों में नहीं है इलाज की सुविधा, सांप के डंसने पर जिला अस्पताल ही सहारा
बारिश में बढ़ती है सर्पदंश की घटनाएं... स्वास्थ्य केन्द्रों में नहीं है इलाज की सुविधा, सांप के डंसने पर जिला अस्पताल ही सहारा

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। बारिश के साथ ही सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती है। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में सांप के डंसने के ज्यादा मामले सामने आते है। अधिकांश ब्लॉक में आईसीयू की सुविधाएं और एमडी मेडीसिन डॉक्टर न होने से मरीजों को इलाज नहीं मिल पाता है। ऐसे हालात में मरीजों को जिला अस्पताल की दौड़ लगानी पड़ती है। सबसे बुरे हाल तामिया और हर्रई ब्लॉक के है। लगभग 90 किलोमीटर से अधिक का सफर तय कर सर्पदंश पीडि़त को इलाज कराने जिला अस्पताल आना पड़ता है। ऐसी स्थिति में समय पर इलाज न मिलने से अधिकांश मरीजों की जान चली जाती है। दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं न होने से मरीज झोलाछाप डॉक्टर के भरोसे होते है। जहां झोलाछाप भी नहीं मिल पाते वहां लोग झाडफ़ूंक करने वाले ओझा से इलाज कराने मजबूर होते है।
औसतन 500 मरीज आते है हर साल-
जिला अस्पताल के रिकार्ड के मुताबिक पिछले साल बारिश के दिनों में औसतन 500 मरीज सर्पदंश का इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंचे थे। लगभग हर साल बारिश के दिनों में 400 से 500 मरीज सर्पदंश की वजह से अस्पताल में भर्ती होते है। इनमें से कई मरीजों की समय पर इलाज न मिलने से जान चली गई।
पिछले साल मरीजों को लगे 1600 इंजेक्शन-
सर्पदंश पीडि़त मरीजों को एंटी स्नेक वेनम (एएसवी) इंजेक्शन दिया जाता है। एक मरीज को छह से बीस तक इंजेक्शन लगते है। पिछले साल भर्ती मरीजों को 1600 इंजेक्शन लगाए गए थे। भर्ती मरीजों में कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने इंजेक्शन लगने से पहले ही दम तोड़ दिया।
जिला अस्पताल में 400 इंजेक्शन उपलब्ध, ब्लॉकों में भी भेजे-
जिला अस्पताल के स्टोर में अभी 400 से अधिक एएसवी इंजेक्शन उपलब्ध है। इस साल अभी तक लगभग पांच से छह लोग ही सर्पदंश की वजह से भर्ती हुए है। प्रबंधन के मुताबिक जरुरत पडऩे पर इंजेक्शन और बुलाए जाएंगे। वहीं ब्लॉकस्तर पर भी डिमांड के हिसाब से एएसवी इंजेक्शन भेजे जा रहे है।
क्या कहते हैं अधिकारी-
हर साल बारिश में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ती है। जिला अस्पताल के अलावा ब्लॉकस्तर पर एएसवी इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में है। जिन ब्लॉकों में कमी है वहां सप्लाई जारी है।
- डॉ.जीसी चौरसिया, सीएमएचओ
 

Created On :   28 May 2021 5:13 PM IST

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