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पत्रकार गिरीश कुबेर पर स्याही फेंकने की घटना की हुई निंदा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। नाशिक में आयोजित अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में रविवार को वरिष्ठ पत्रकार व लेखक गिरीश कुबेर पर स्याही फेंके जाने की घटना की सत्ताधारी और विपक्ष ने निंदा की है। सत्ताधारी महाविकास आघाड़ी के घटक दलों और भाजपा ने संभाजी बिग्रेड के कार्यकर्ताओं के स्याही फेंकने के कृत्य पर नाराजगी जताई है। राकांपा प्रवक्ता तथा प्रदेश के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि हम गिरीश पर स्याही फेंकने की घटना का कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। मलिक ने कहा कि गिरीश के पुस्तक में छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में गलत सदर्भ देने को लेकर किसी का वैचारिक मतभेद हो सकता है। उसका अहिंसक तरीके से विरोध किया जा सकता है। पर लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी पर हमला करने का समर्थन नहीं हो सकता। शिवसेना विधायक मनीषा कायंदे ने कहा कि लोग छत्रपति संभाजी महाराज को आदर्श पुरुष मनाते हैं। इसलिए उनके बारे में किसी को भी सोच विचार कर लिखना चाहिए। लेकिन विरोध जताने के लिए स्याही फेंकने उचित तरीका नहीं है। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि साहित्य सम्मेलन में जाकर स्याही फेंकना उचित नहीं है। यदि किसी को विरोध जताना है तो दूसरे तरीके से अपनी नाराजगी व्यक्त की जा सकती है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि स्याही फेंककर विरोध जतना कल्पना के परे है। लेकिन राज्य और देश में छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज के प्रति लोगों की अपार श्रद्धा है। इसलिए अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर किसी को लोगों की भावना आहत करने का अधिकार नहीं है। वहीं संभाजी बिग्रेड के प्रदेश अध्यक्ष मनोज आखरे ने कहा कि गिरीश ने अपनी पुस्तक रेनेसां स्टेट: द अनरिटेन स्टोरी ऑफ द मेकिंग ऑफ महाराष्ट्र में छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी हैं। हमने बीते 3 जून को गिरीश से माफी मांगने और राज्य सरकार से उनकी पुस्तक पर पाबंदी लगाने की मांग की थी। लेकिन सरकार ने हमारी मांगों की ओर अनदेखी की है। इस कारण संभाजी बिग्रेड की नाराजगी सामने आई है।
Created On :   6 Dec 2021 2:40 PM IST