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ठेके-तबादलों के लिए वसूले गए 1050 करोड़, फाइव स्टार होटल में बुक थे दलालों के दो कमरे
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आयकर विभाग ने राज्य में चल रहे भ्रष्टाचार के बड़े खेल के पर्दाफाश करने का दावा किया है। आयकर विभाग के मुताबिक इस साल 23 सितंबर को कारोबारियों, दलालों और सरकारी अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 1050 करोड़ रुपए के लेन देन का खुलासा हुआ है। सरकारी मंजूरी, खनन ठेक, तबादले, नियुक्तियों आदि के लिए यह रकम ली गई है। यह कार्रवाई छह महीनों से जुटाई गई सूचना के आधार पर की गई है। आयकर विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि छानबीन के लिए 25 रिहाइश, 15 ऑफिसों पर छापे मारे गए थे जबकि 4 अन्य ऑफिसों में सर्वे किया गया था। आयकर अधिकारियों के मुताबिक मुंबई के होटल ओबेराय में दो बिचौलियों ने स्थायी रुप से दो सूट (कमरे) किराए पर लिए गए थे जहां वे क्लाइंट से मुलाकात करते थे। यहां भी आयकर विभाग ने तलाशी ली थी। इसी कमरे में कारोबारी, बिचौलिए और उसके सहयोगी मुलाकात करते थे। इसके लिए दस्तावेजों में कोड नाम का इस्तेमाल किया जाता था। लेन देन का एक 10 साल पुराना मामला भी सामने आया है। दलाल कारोबारियों को पैसों के बदले सभी तरह की मंजूरी बिना किसी परेशानी के उपलब्ध करा देते थे।
नकद लेन देन के लिए अंगड़ियों की सेवा
नकद लेन देने के लिए अंगड़ियों का इस्तेमाल किया गया। एक अंगड़िया के ठिकानों पर तलाशी के दौरान आयकर विभाग ने 1 करोड़ 50 लाख रुपए बरामद किए हैं। दस्तावेजों से 200 करोड़ रुपए नकद लेन देन की जानकारी सामने आई है। आयकर विभाग के मुताबिक सरकारी अधिकारियों ने कुछ मंत्रालयों से जुड़े लोगों को मनचाही पोस्टिंग के लिए घूस के रुप में नकद पैसों का भुगतान किया। यह पैसे ठेकेदारों के जरिए दिए गए। ठेकेदारों से उनकी रकम के भुगतान के बदले घूस ली गई। आयकर विभाग के मुताबिक बिचौलिए के तौर पर काम करने वाले एक कारोबारी ने कालेधन से किसानों से काफी जमीन खरीदी जिसे सरकारी उपक्रम और बड़े कार्पोरेट घरानों को ट्रांसफर कर दिया गया। कई वरिष्ठ नौकरशाहों, उनसे रिश्तेदारों ने भी योजना में निवेश किया है। पैसों के लेन देन से जुडे व्हाटसएप चैट और दूसरे डिजिटल सबूत हासिल करने का दावा भी आयकर विभाग ने किया है। कई भवन निर्माताओं के यहां भी छापेमारी की गई थी जिसमें नकद भुगतान का खुलासा हुआ है।
पूरी कार्रवाई के दौरान 4.6 करोड़ नकद, 3.42 करोड़ के जेवरात के साथ 4 बैंक लॉकर भी जब्त किए गए हैं। मामले की छानबीन की जा रही है। बता दें कि राज्य की खुफिया विभाग की प्रमुख रश्मी शुक्ला ने ट्रांसफर और पोस्टिंग में भ्रष्टाचार का दावा करते हुए कई विभागों में दलालों के सक्रिय होने का दावा अपनी रिपोर्ट में किया था। राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और मौजूदा परिवहन मंत्री अनिल परब पर पैसे लेकर ट्रांसफर पोस्टिंग कराने के आरोप लगे हैं। तत्कालीन पुलिस अधिकारी सचिन वाझे ने भी फर्जी नाम से ओबेराय होटल में 100 दिनों के लिए कमरा बुक कराया था जिसमें वह वसूली के पैसे लेकर जाता था साथ ही लोगों से मुलाकात भी करता था।
Created On :   8 Oct 2021 4:03 PM IST