भारत का औषध उद्योग ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के दर्शन से प्रेरित - डॉ मांडविया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने कहा कि कोविड के दौरान भारत ने विश्व के 150 से अधिक देशों में दवाओं की आपूर्ति की थी। यह दिखाता है कि भारत में औषध उद्योग केवल एक कारोबार नहीं है, बल्कि यह हमारी भावनाओं से भी जुड़ा हुआ है। डॉ मांडविया ने यह बात बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से निवेशक शिखर सम्मेलन- ‘औषध और चिकित्सा उपकरणों में अवसर व भागीदारी’ का उद्घाटन करते हुए कही। उन्होने कहा कि भारत को विश्व का दवाखाना कहा जाता है। हमारा देश जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा निर्माता और आपूर्तिकर्ता है। उन्होने कहा कि भारत का औषध उद्योग सिर्फ लाभ के उद्देश्य से शासित नहीं है, बल्कि ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के भारतीय दर्शन से भी प्रेरित है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया परियोजना के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे विश्व के निवेशकों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया है। उन्होने निवेशकों को इस बात का भरोसा दिया कि भारत में इसके मजबूत नियामक तंत्र, स्वतंत्र न्यायपालिका और सरकार के लोकतांत्रिक स्वरूप को देखते हुए उनके साथ न्यायोचित व्यवहार किया जाएगा। डॉ मांडविया ने कहा कि वर्ष 2020 में एफडीआई 2019 की तुलना में 98 फीसद बढ़ा है। वहीं पिछले वित्तीय वर्ष में भारत से औषध निर्यात में 18 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है।
Created On :   27 Oct 2021 8:48 PM IST