खेतों में लौट रही देशी गोभी की फसल

Indigenous cabbage crop returning to the fields
खेतों में लौट रही देशी गोभी की फसल
आम लोगों को लुभा रहा फूलगोभी का स्वाद, बीज सस्ता, लागत कम खेतों में लौट रही देशी गोभी की फसल

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। सब्जी की दुकानों मेें देशी गोभी के छोटे छोटे फूल और उसकी सुगंध आम लोगों को सहज ही आकर्षित करती है। लगभग दो दशक बाद जिले के किसान एक बार फिर देशी गोभी की खेती की ओर लौट रहे हैं। इस बारिश में देशी गोभी की फसल से अच्छा उत्पादन लेने वाले किसानों का हायब्रिड किस्म की फूलगोभी से मोहभंग होता नजर आ रहा है।
जिले के किसान सब्जी उत्पादन में नित नए नवाचार करते हैं। मोहखेड़ विकासखंड के कुछ गांवों में गोभी की लगातार खेती के कारण किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। हायब्रिड फूलगोभी का बीज 40 से 50 हजार रुपए प्रतिकिलो के बीच होता है। ऐसे में फसल की लागत लगातार बढ़ती जा रही थी। ऐसे में कुछ किसानों ने इस साल बारिश में देशी फूलगोभी की फसल तैयार की। दशहरा पर्व के बाद देशी गोभी का उत्पादन शुरू हो गया। सब्जी बाजार में देशी गोभी के फूल और खुशबू ने लोगों हायब्रिड गोभी से दूर कर दिया।
महाराष्ट्र में जबरदस्त डिमांड
मोरडोंगरी के दिवाकर डोंगरे ने बताया कि इस साल उन्होंने अगस्त माह के अंत में देशी गोभी का रोपण किया । बीते एक पखवाड़े में नागपुर मंडी में गोभी की जबरदस्त डिमांड रही। हायब्रिड गोभी के मुकाबले देशी गोभी के दाम ज्यादा मिले। उन्होंने बताया कि देशी गोभी का बीज महज 5 से 6 हजार रुपए किलो है जबकि हायब्रिड गोभी का बीज 7 से 8 गुना महंगा है। देशी गोभी का उत्पादन भले ही कम होता है लेकिन देशी गोभी की बिक्री पत्ते सहित हो जाती है जबकि हायब्रिड गोभी का फूल ही बिक पाता है।
अब बीज उत्पादन की तैयारी
सब्जी उत्पादक किसानों का कहना है कि किसान चाहे तो देशी गोभी का बीज स्वयं ही तैयार कर सकते हंै जबकि हायब्रिड गोभी का बीज स्थानीय स्तर पर तैयार नहीं किया जा सकता है। लगातार बढ़ती लागत से बचने के लिए अब जिले के किसान देशी किस्मों के उत्पादन पर जोर दे रहे हैं।  देशी गोभी के फूलों की खुशबू और स्वाद हायब्रिड गोभी से कहीं अलग होता है। इसी के चलते बाजार मेें एक बार फिर देशी गोभी की डिमांड बढ़ रही है।

Created On :   30 Oct 2022 10:09 PM IST

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