- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- इंडोर स्टेडियम की बस मरम्मत पे...
इंडोर स्टेडियम की बस मरम्मत पे मरम्मत, मशीनें खा रही धूल

नीरज दुबे, नागपुर। NMC ने पांच साल पहले 3 करोड़ रुपए खर्च कर खिलाड़ियों के लिए विवेकानंद इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स बनाया उम्मीद थी कि खिलाड़ियों को इसका फायदा मिलेगा लेकिन ऐसा हो न सका। यह कॉम्प्लेक्स बनने के बाद पहले तो 2 साल तक बंद रहा और अब एक बार फिर लगभग 80 लाख रुपए की लागत से इसकी मरम्मत की जाएगी। मरम्मत के नाम पर स्टेडियम में क्या हो रहा है, इस सवाल पर प्रशासन चुप है। हाल ही में 3 लाख रुपए की लागत से बैडमिन्टन कोर्ट की मरम्मत का काम पूरा हुआ है। पिछले साल इन्डोर स्टेडियम के जीर्णोद्धार के लिए मुख्यमंत्री ने 80 लाख रुपए की विशेष निधि मंजूर की है लेकिन अब तक कोई काम शुरू नहीं हुआ है। इससे प्रशिक्षण लेने वाले विद्यार्थियों को भी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। स्टेडियम के पहले माले पर अत्याधुनिक जिम के लिए खरीदी गई 5 लाख रुपए की मशीनें धूल खा रही हैं।
जिम नहीं हो सका शुरू
मनपा लोक निर्माण विभाग (प्रोजेक्ट) की ओर से साल 2012 में देवनगर इलाके में विवेकानंद इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया गया था, लेकिन स्थानीय नागरिकों के विरोध के चलते लगभग दो सालों तक स्टेडियम बंद रहा। परिसर के नागरिकों का आरोप था कि मनपा ने सार्वजनिक उपयोग की जगह पर कब्जा कर स्टेडियम का निर्माण कराया है। विरोध की वजह से स्टेडियम का औपचारिक लोकार्पण नहीं हो पाया था। काफी जद्दोजहद के बाद नवंबर 2014 में स्टेडियम को शुरू किया गया। स्टेडियम की देखभाल के लिए मनपा ने दो कर्मचारी भी नियुक्त किए हैं। स्टेडियम के पहले माले पर अत्याधुनिक जिम का प्रावधान किया गया है। इसके लिए जिला खेल अधिकारी कार्यालय द्वारा 5 लाख रुपए की लागत से फरवरी 2017 में अत्याधुनिक मशीनों को मुहैया भी कराया गया है, लेकिन इस जिम को शुरू नहीं किया गया है।
निजी प्रशिक्षकों को कमान
इंडोर स्टेडियम में खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षक मौजूद नहीं हैं। बावजूद इसके स्टेडियम में तीन माह के प्रवेश के लिए खिलाड़ियों को 1500 रुपए देने पड़ते हैं। इसके बाद खिलाड़ियों को चार निजी प्रशिक्षक अजय दलाल, निखिल रोकड़े, प्रकाश मिठे और हितेश मोकाशी के हवाले कर दिया जाता है। इन प्रशिक्षकों को 1500 रुपए प्रतिमाह की फीस देकर खिलाड़ियों को मनपा के स्टेडियम में कोचिंग लेनी पड़ती है। सरकारी सुविधा पर निजी कोचिंग देने का सिलसिला पिछले कई सालों से जारी है। इस बारे में मनपा के खेल विभाग और लक्ष्मीनगर जोन कार्यालय को कोई जानकारी नहीं होने का दावा किया जाता है जबकि स्टेडियम के भीतर इन निजी प्रशिक्षकों का ही बोलबाला है।
प्रोजेक्ट विभाग के पास सभी दस्तावेज
विवेकानंद इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य कुछ सालों पहले प्रोजेक्ट विभाग ने किया था। निर्माणकार्य के सभी दस्तावेज, नक्शा एवं निधि की जानकारी हमारे पास कभी भेजी ही नहीं गई है। फिलहाल हमारे पास कॉम्प्लेक्स के 4 वुडन कोर्ट की 2,96,638 रुपए से दुरुस्ती का प्रस्ताव आया है। इस प्रस्ताव पर प्रगति इन्फ्रा कंपनी को कार्यादेश 30 जनवरी 2018 को दिया गया है। निर्माणकार्य से संबंधित दस्तावेज अब भी प्रोजेक्ट विभाग के पास ही हैं। (सुवर्णा दखणे, सहायक आयुक्त, मनपा लक्ष्मीनगर जोन)
हमारे पास कोई जानकारी नहीं
विवेकानंद इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के निर्माणकार्य की कोई भी जानकारी प्रोजेक्ट विभाग में नहीं है। मैंने करीब डेढ़ साल पहले पदभार संभाला है। तत्कालीन अभियंता और अधिकारियों से निर्माणकार्य के बारे में जानकारी मांगी, लेकिन यह निर्माण प्रोजेक्ट विभाग से होने की भी जानकारी नहीं मिली है। फिलहाल हमारे पास मुख्यमंत्री निधि से आवंटित 80 लाख के जीर्णोद्धार के प्रस्ताव और फाइल मौजूद हैं। इस संबंध में लक्ष्मीनगर जोन के लोकनिर्माण कार्य विभाग और खेल विभाग के पास ही जानकारी मौजूद है। ( नरेश बोरकर, कार्यकारी अभिंयता, मनपा प्रोजेक्ट विभाग)
देखभाल का जिम्मा
कॉम्प्लेक्स के निर्माणकार्य की हमारे विभाग को कोई जानकारी नहीं है। नियमित देखभाल का जिम्मा दिया गया है। बैडमिन्टन कोर्ट में प्रतिदिन 300 खिलाड़ी आते हैं। इनको 2 निजी कोच प्रशिक्षण देते हैं। साल भर पहले जिला क्रीड़ा अधिकारी कार्यालय से जिम की सामग्री भी मिली है। जीर्णोद्धार होने के बाद जिम और बैंडमिन्टन कोर्ट को सुचारु रूप से संचालन के लिए नियमावली बनायी जाएगी। ( हर्षल हिवरीखेड़कर, अधिकारी, खेल विभाग, मनपा)
निजी एजेंसी को व्यवस्थापन सौंपेगे
सन 2012 में 3 करोड़ रुपए की लागत से कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य किया गया था। फिलहाल निजी कोच के माध्यम से संचालन का प्रयास हो रहा है। इसमें मनपा को 500 रुपए प्रति छात्र मिल रहा है। स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में अत्याधुनिक जिम, काफी हाऊस समेत बेहतर खेल सुविधा बनाने का प्रयास था, लेकिन कई कारणों से यह संभव नहीं हो पा रहा है। फिलहाल 80 लाख की निधि से जीर्णोद्धार एवं एसी सुविधा तैयार करने के बाद निजी एजेंसी का प्रस्ताव बनाया जा रहा है। इस एजेंसी के माध्यम से बेहतर संचालन किया जाएगा। ( संदीप जोशी, सत्ता पक्ष नेता, मनपा, नागपुर)

Created On :   4 May 2018 3:37 PM IST