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वेबसाईट पर थी बेड खाली होने के जानकारी, जज साहब ने अस्पताल फोन करवाया तो खुल गई पोल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना मरीजों के उपचार के लिए किए गए इंतजामों का पता लगाने के लिए बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर जारी सुनवाई के दौरान हेल्पलाइन नंबर पर फोन लगवाया, तो सरकारी महकमों के दावों और हकीकत की पोल खुल गई। दरअसल पुणे महानगपालिका की वेबसाइट पर पांच बेड खाली होने की जानकारी दिखाई दे रही थी। लेकिन कोर्ट में दावा किया गया कि लोगो को अस्पतालों में बेड मिलने में काफी दिक्कतें आ रही है। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने अधिवक्ता नितिन देशपांडे को पुणे में बेड की उपलब्धता का पता करने के लिए फोन करने को कहा तो सच्चाई सामने आ गई। देशपांडे ने अपने पास बैठे डॉक्टर को फोन लगाने को कहा। फोन लगाने के बाद फोन उठाने वाली महिला से कहा गया कि एक मरीज की हालत ठीक नहीं है, क्या उसे एक वेंटिलेटर बेड मिल सकता है। इस पर महिला ने कहा कि फिलहाल बेड नहीं है। शाम तक इस बारे में आप से बात की जाएगी।
ऑनलाइन सुनवाई के दौरान अस्पताल से मिले इस जवाब के बाद खंडपीठ ने कहा कि इस तरह के मामले में पुणे मनपा आयुक्त के हलफनामा दायर करने से काम खत्म नहीं हो जाता है। मरीजों की जरूरत के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाने की जरूरत है। बेड प्रबंधन की दिशा में अधिक संवेदनशील होने की आवश्यकता है। इस दौरान पुणे मनपा के वकील ने दावा किया कि बेड उपलब्ध है। हो सकता फोन उठानेवाली महिला के पास ताजा जानकारी न हो। इसके अलावा फोन उठानेवाली महिला डॉक्टर नहीं थी। किस मरीज को कैसे बेड की जरूरत है, यह हमारे डॉक्टर मरीज की हालत देखकर बताते हैं। इस मामले की अगली सुनवाई अब 19 मई को होगी।
Created On :   12 May 2021 6:40 PM IST