- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- प्राइवेट पार्ट में कोई पदार्थ डालना...
प्राइवेट पार्ट में कोई पदार्थ डालना शारिरीक संबंध की परिभाषा में शामिल नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई, कृष्णा शुक्ला। प्राइवेट पार्ट में किसी पदार्थ को डालने से जुड़े कथित कार्य को प्रथम दृष्टया शारिरीक संबंध की परिभाषा के दायरे में शामिल नहीं माना जा सकता है। बांबे हाईकोर्ट ने सात साल की बच्ची के साथ प्रकृति की व्यवस्था के विरुद्ध संबंध बनाने (भारतीय दंड संहिता की धारा 377) व पाक्सो कानून की धाराओं के तहत दर्ज मामले में तीन साल से जेल में बंद आरोपी को जमानत देते हुए उपरोक्त बात कही है। आरोपी पर नाबालिग बच्ची के कपड़े उतारकर उसके प्राइवेट पार्ट में हाथ से लाल रंग का पदार्थ डालने का आरोप था। आरोपी के इस कृत्य के लिए उसके खिलाफ नई मुंबई के कोपरखैरणे पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 377 व पाक्सो कानून की धारा 8 व 12 के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने पीड़ित बच्ची की मां की शिकायत के आधार पर आरोपी को इस मामले में 30 सितंबर 2019 को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद विशेष अदालत ने आरोपी के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया था लिहाजा उसने हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दायर किया था।
Created On :   31 Aug 2022 9:10 PM IST