MP बस स्टैंंड परिसर खाली करने का आदेश

Instruction to empty the MP bus stand premises in Nagpur city
MP बस स्टैंंड परिसर खाली करने का आदेश
MP बस स्टैंंड परिसर खाली करने का आदेश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गणेश टेकड़ी स्थित एम.पी. बस स्टैंड की जमीन के मालिकाना हक का विवाद बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ पहुंचा है। दरअसल नागपुर जिलाधिकारी ने मध्यप्रदेश रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन को नोटिस जारी कर 7 दिनों के भीतर एम.पी.बस स्टैंड की जमीन खाली करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश को कॉर्पोरेशन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।

मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर कोर्ट ने मामले में प्रतिवादी प्रदेश राजस्व विभाग सचिव, जिलाधिकारी और रक्षा मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। तब तक मामले में स्टेट्स-को के आदेश जारी किए गए हैं। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड.रोहन छाबरा ने पक्ष रखा। 

1956 से चल रही बस सेवा
मध्यप्रदेश रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के अनुसार, नागपुर में वर्ष 1956 के दौरान सेंट्रल प्रोविन्स ट्रांसपोर्ट सर्विस (सीपीटीएस) यात्रियों को मध्यप्रदेश ले जाने का कार्य करती थी। रक्षा मंत्रालय ने 19 जनवरी 1956 को नागपुर के सीताबर्डी किले की 2.18 हेक्टेयर जमीन मध्यप्रदेश सरकार को 1 लाख 70 हजार 979 रुपए में हस्तांतरित की थी। म.प्र सरकार ने इस जमीन को बाद में सीपीटीएस को बेच दिया था। इसके बाद 21 मई 1962 को म.प्र रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन का गठन हुआ और यह जमीन भी उन्हें दे दी गई। तब से कार्पोरेशन निजी बस संचालक कंपनियों को परमिट के तहत यहां से बसें संचालित करने दे रहा है। इस स्थानक से देश भर के विविध शहरों में कुल 93 बसे संचालित होती हैं। 

बड़ी रकम बकाया
याचिकाकर्ता का दावा है कि वे तहसीलदार और जिलाधिकारी को इसका नियमित टैक्स भी चुका रहे हैं। मौजूदा वक्त में कॉर्पोरेशन का निजी बस संचालकों पर 22 लाख 2 हजार 985 रुपए बकाया है। वहीं, पूर्व में कार्पोरशन पर मध्यप्रदेश सरकार का 1600 करोड़ रुपए बकाया होने के कारण म.प्र सरकार ने उनकी रेलवे स्टेशन, गणेश टेकड़ी के आस-पास की संपत्ति जब्त कर ली। हालांकि उन्हें फिलहाल इस जमीन के इस्तेमाल की अनुमति है, मगर उसका वास्तविक अधिकार मध्यप्रदेश सरकार के पास है।

बीते दिनों जिलाधिकारी कार्यालय  ने इस जमीन पर अपने अधिकार होने का दावा किया। भू-अभिलेख अधीक्षक के पास अपील दायर की गई। अधीक्षक ने  26 नवंबर 2018 को कार्पोरेशन के स्टेशन इंचार्ज को संपत्ति के तमाम दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत होने के आदेश दिए थे। याचिकाकर्ता का दावा है कि उन्हें इसकी कोई जानकारी ही नहीं प्राप्त हुई। इसके बाद 19 जनवरी को जिलाधिकारी ने कार्पोरेशन को 7 दिन के भीतर गणेश टेकड़ी स्थित जमीन खाली करने के आदेश जारी किए हैं। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली।

Created On :   25 Jan 2019 11:08 AM IST

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