कचरा व्यवस्थापन का निरीक्षण किए बिना लौटे मंत्री, देखे बिना दिए सुधार के निर्देश

Instructions for improvement without inspection the waste management
कचरा व्यवस्थापन का निरीक्षण किए बिना लौटे मंत्री, देखे बिना दिए सुधार के निर्देश
कचरा व्यवस्थापन का निरीक्षण किए बिना लौटे मंत्री, देखे बिना दिए सुधार के निर्देश

डिजिटल डेस्क,नागपुर। कचरा व्यवस्थापन का निरीक्षण किए बिना ही राज्यमंत्री चव्हाण लौट गए। देखे बिना ही उन्होंने सुधार के निर्देश भी दे दिए जिस पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। दरअसल शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) और इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेयो) में कचरा व्यवस्थापन में बरती जा रही अनियमितता की समीक्षा करने राज्यमंत्री रवींद्र चव्हाण नागपुर आए थे। लेकिन बगैर निरीक्षण किए वापस लौट भी गए। हालांकि मेयो में बैठक के दौरान उन्होंने चेताया कि तीन महीने के अंदर मेयो में जैविक कचरे की समस्या में सुधार नहीं हुआ तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।   बता दें कि  नागपुर में अधिवेशन के दौरान अस्पतालाें में खुले में पड़े जैविक कचरा एवं  नियमानुसार उनका संकलन नहीं होने का सवाल जोरदार ढंग से उठा था। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए समीक्षा करने का आश्वासन दिया था। 

एेसा रहा कार्यक्रम 
नागपुर पहुंचते ही राज्यमंत्री चव्हाण इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेयो) पहुंचे और बैठक ली। इसके बाद सीधे शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) पहुंचे।ट्रॉमा केयर सेंटर में 15 मिनट निरीक्षण के बाद आयुर्वेद कॉलेज और फिर डेंटल कॉलेज गए। लेकिन किसी भी जगह जैविक कचरा व्यवस्थापन का निरीक्षण नहीं किया।

तीन माह में भी हालात नहीं सुधरी तो कार्रवाई
राज्यमंत्री चव्हाण ने कहा कि जैविक कचरे का विषय अधिवेशन में उठा था। इसके बाद नागपुर में बैठक लेने का निर्णय लिया गया। शहर के सभी अस्पताल से जैविक कचरा उठाने की जिम्मेदारी सुपर हाइजेनिक कंपनी को दी गई है। कंपनी के पास 12 गाड़ियां  उपलब्ध हैं, जिससे शहर के सभी अस्पतालों से जैविक कचरा संकलित किया जाता है। उन्होंने गाड़ियों की संख्या बढ़ाकर ट्रैकिंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए। जैविक कचरा संकलन के लिए गाड़ियां  दिन में  दो बार मेयो पहुंचेगी। बारकोड सिस्टम लागू किया जाएगा। शिकायत के लिए ट्रोल फ्री नंबर शुरू होगा तथा कचरा संकलन कर रहे कर्मियों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। बावजूद इसके यदि तीन महीने बाद भी मेयो में जैविक कचरे की समस्या में सुधार नहीं हुआ तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। 

ईटीपी व एसटीपी प्लांट की तैयारी शुरू
इस समय मेयो की डीन डा.श्रीखंडे ने बताया कि महाराष्ट्र पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिलने वाले प्रमाण-पत्र की राशि जल्द ही भर दी जाएगी, उसकी अनुमति मिल गई है। जैविक कचरा जमा संकलन के लिए  स्टोर रूम का निर्माण, इन्फ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट व सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की शुरुआत भी हो गई है।

आसान नहीं यह
भले ही मेयो प्रशासन व्यवस्था सुधारने की दिशा में प्रयासरत होने की जानकारी दे रहा हो, लेकिन आपको बता दें कि यह सब कार्य एक लंबी प्रक्रिया है और जबकि मंत्री महोदय ने सिर्फ तीन माह का समय दिया है। इतना ही नहीं तो इस विषय को लेकर पिछले दिनों अस्पताल अधीक्षक डा.संध्या मांजरेकर अधीक्षक पद से इस्तीफा भी दे चुकी है, जिसे स्वीकार नहीं किया गया है।

और यह अनुपस्थित रहे
और तो और, अधिवेशन के दौरान जैविक कचरा सं सबंधित समस्या की ओर ध्यान खींचने वाले विधायक अनिल सोले, नागो गाणार व गिरीश व्यास इस निरीक्षण दौरे के दौरान  नदारद रहे।

ये थे उपस्थित
इस दौरान भाजपा विधायक विकास कुंभारे, सुधाकर देशमुख के अलावा राकांपा विधायक प्रकाश गजभिये, चिकित्सा शिक्षा सचिव संजय देशमुख, संचालक प्रवीण शिंगारे, मेयो की डीन डा.अनुराधा श्रीखंडे, मेडिकल के डीन डा.अभिमन्यु निसवाड़े, आयुर्वेद कॉलेज के डीन डा. सुभाष राऊत, सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के ओएसडी डा.मिलिंद फुलपाटील, मनपा स्वास्थ्य अधिकारी डा.अनिल चिव्हाणे, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के  राहुल वानखेड़े, सुपर आइजेनिक कंपनी के बी.एस.अरोरा आदि उपस्थित थे।
 

Created On :   9 April 2018 11:46 AM IST

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