Nagpur News: वन की हद में शिकारियों की घुसपैठ बढ़ी, सालभर में 47 तस्करों को भेजा जेल

वन की हद में शिकारियों की घुसपैठ बढ़ी, सालभर में 47 तस्करों को भेजा जेल
  • अधिकांश शिकार बाघों का किया
  • वन्यजीवों के अंग ग्रामीण क्षेत्र के लोग मोटी राशि देकर खरीदते हैं

Nagpur News शेड्यूल वन में आने वाले वन्यजीवों को इन दिनों शिकारियों का डर बना रहता है। बाघ, तेंदुए, पेंगोलिन आदि का धड़ल्ले से शिकार किया जा रहा है। यह हम नहीं खुद आंकड़े बया कर रहे हैं। गत एक साल में नागपुर वन विभाग ने केवल प्रादेशिक वन विभाग की हद में ही 47 शिकारियों को पकड़कर जेल भेजा है। जिनमें कुछ अभी भी मध्यवर्ती कारागृह में सजा काट रहे हैं। इनमें अधिकतम शिकार बाघों का किया गया है।

पकड़ना व मारना अपराध : वन विभाग के शेड्यूल वन में बाघ, तेंदुआ, पेंगोलिन, काला हिरण और कुछ पक्षी आते हैं। इन्हें पकड़ना व मारना अपराध है। बावजूद इसके कई लोग यह अपराध करते हैं। कुछ अंधश्रद्धा के कारण तो कुछ पैसा कमाने के लिए। गत एक साल में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें बाघों का शिकार कर उनके अंगों को निकाला गया है। इसमें हाल ही में उमरेड़स बुटीबोरी की घटना है, जहां बाघ को करंट से मारकर उसके अंग बेचने के लिए लेकर गये हैं। इसके बाद होली के एक दिन पहले भी हिंगना परिसर में एक बाघ के चारों पंजे काटे गये थे। इन मामलों में वन विभाग ने जांच पड़ताल करने के बाद 30 के करीब आरोपियों को पकड़ा था। जो कि मारने से लेकर अंग काटने व बेचने की प्रक्रिया में शामिल थे। इसके अलावा खाने के लिए हिरण व पक्षियों के शिकार करने वाले भी शिकारियों को पकड़ा गया है। ऐसे कुल 47 शिकारियों को वन विभाग ने पकड़ा है।

अंधश्रद्धा की भेंट चढ़ रहे वन्यजीव : पैसों की बारिश से लेकर संतान होने तक की ताकत वन्यजीवों के अंगों में होने की अंधश्रद्धा तस्करों द्वारा फैलाई जा रही है। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र निवासी मोटी राशि देकर इसे खरीदते हैं। ऐसे में शिकारियों को और भी बढ़ावा मिलता है।

नागपुर विभाग ने पकड़े 50 गत एक साल में 50 के करीब शिकारियों को नागपुर विभाग में पकड़ा गया है। जिसमें अधिकतम तस्करों को जेल भेजा गया है। डॉ. भारतसिंह हाडा, उपवनसंरक्षक, वन विभाग ( प्रादेशिक) नागपुर


Created On :   14 May 2025 2:28 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story