- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- यूनिफार्म में ड्यूटी कर रहे खुफिया...
यूनिफार्म में ड्यूटी कर रहे खुफिया जवान,सीक्रेट मिशन पड़ सकता है खतरे में

विनोद झाडे़ ,नागपुर । शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष नजर रखते हुए खुफिया जानकारी इकट्ठा करने वाले जवानों को अब यूूनिफार्म में ड्यूटी करनी पड़ रही है जिससे सीक्रेट मिशन खतरे में पड़ सकता है। परदे के पीछे रहकर पुलिस में जो अहम जिम्मेदारी निभाता हैं, वह खुफिया विभाग अब बंदोबस्त ड्यूटी के लिए पहचाना जा रहा है। खुफिया जवान का काम पब्लिक में रहकर खुफिया व संवेदनशील जानकारी इकट्ठा करना होता है। इसके लिए जवान की पहचान गुप्त रहने के साथ ही उन्हें सादे वेश में रहना जरूरी होता है। स्थानीय स्तर पर खुफिया का काम विशेष शाखा के जवान करते हैं आैर अब इन्हें यूनिफार्म (वर्दी) के साथ बंदोबस्त ड्यूटी में लगाया जा रहा है। पहचान उजागर होने से इन्हें खुफिया जानकारी इकट्ठा करने में भी परेशानी होने की खबर है।
इसलिए भी अतिसंवेदनशील है शहर
नागपुर में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित का निवास होने के साथ ही संघ मुख्यालय, हेडगेवार स्मृति भवन, गणेश टेकड़ी व दीक्षाभूमि जैसे संवेदनशील ठिकाने भी हैं। खुफिया एजेंसियों की मानें तो नागपुर अतिसंवेदनशील है। यहां आतंकवादी व नक्सलियों की गतिविधियां भी पक़ड़ी गई हैं। संघ मुख्यालय पर हमला करने आए तीन आतंकियों को नागपुर के जवानों ने ढेर किया था। शहर से नक्सलियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। भौगोलिक दृष्टिकोण से नागपुर देश के मध्य में होने से यहां होने वाली हर गतिविधि व आवाजाही पर खुफिया नजर रखना बेहद जरूरी है। शहर पुलिस के विशेष शाखा में करीब 120 स्टॉफ हैं। रामनवमी के अवसर पर यहां से 50 जवानों को यूनिफार्म में बंदोबस्त पर लगाया गया था। इसके पूर्व ईद के बंदोबस्त में भी इतने ही जवानों को लगाया गया था। हद तो तब हो गई जब अतिक्रमण निर्मूलन कार्रवाई में खुफिया जवानों को लगाया गया था। यूनिफार्म में बंदोबस्त करने से इनकी पहचान सार्वजनिक होते जा रही है।
अधिकारी छुट्टी देने से कर रहे हैं मना
खुफिया जवानों को पिछले कुछ महीनों से ईएल भी नहीं मिल पा रही है। एक जवान को एक साल में 15 ईएल मिलती है। विशेष शाखा के अधिकारियों ने इस संबंध में कोई नियोजन नहीं किया। समय-समय पर मांग के बावजूद जवानों को ईएल नहीं दी। परिणामस्वरूप अभी अधिकांश जवान ईएल मांग रहे हैं आैर अधिकारी छुट्टी देने से मना कर रहे हैं। कुछ दिन बाद ही इन जवानों की ईएल बगैर लिए ही खत्म हो जाएगी। अधिकारी कुल स्टाफ के 10 फीसदी जवानों को ही ईएल देना चाहते हैं। समय रहते इस पर गौर किया जाता तो आज यह स्थिति पैदा नहीं होती। चर्चा यह भी है कि बंदोबस्त ड्यूटी व ईएल का काम जिन पुलिस अधिकारियों पर हैं, वे जवानों की बात पर ध्यान नहीं देते। अनुशासित विभाग होने से जवान सामने आने से कतरा रहे हैं, लेकिन अधिकारियों के रवैये से नाराज जरूर हैं।
पुलिस मुख्यालय में हैं ढाई हजार जवान
शहर पुलिस मुख्यालय में करीब ढाई हजार जवान तैनात हैं। इन जवानों को बंदोबस्त में लगाया जाता है। रामनवमी के दिन विशेष शाखा से 50 जवान बंदोबस्त पर भेजे गए आैर इतने ही जवान पुलिस मुख्यालय से भेजे जाने की खबर है।
बंदोबस्त नीति का पालन करते हैं
पुलिस थाने के जवानों को परेशान न करते हुए बंदोबस्त देने की नीति के कारण विशेष शाखा के जवानों को भी बंदोबस्त में लगाया जा रहा है। विशेष शाखा व पुलिस मुख्यालय सहित अन्य जगहों के जवानों को भी बंदोबस्त में उतारा जा रहा है। कुल जवानों के 10 फीसदी जवानों को ईएल पर छोड़ा जा रहा है। एकदम से सभी जवानों को ईएल नहीं दी जा सकती।
(सुधीर नंदनवार, सहायक पुलिस आयुक्त विशेष शाखा पुलिस नागपुर)
Created On :   31 March 2018 5:16 PM IST