जेलकर्मियों और कैदियों की निगरानी के लिए बनेगा खुफिया तंत्र

Intelligence systems will now be created to monitor state prisons
जेलकर्मियों और कैदियों की निगरानी के लिए बनेगा खुफिया तंत्र
जेलकर्मियों और कैदियों की निगरानी के लिए बनेगा खुफिया तंत्र

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दुष्यंत  मिश्र। राज्य की जेलों पर निगरानी के लिए अब खुफिया तंत्र बनाया जाएगा। जेल विभाग के आला अधिकारियों ने जेल के ही कुछ कर्मचारियों की मदद से बाकी कर्मचारियों और कैदियों पर नजर रखने की योजना बनाई है। आला अधिकारियों तक कौन जेल से जुड़ी रिपोर्ट पहुंचाएगा इसकी भनक दूसरे लोगों को नहीं लगने दी जाएगी। अधिकारियों को उम्मीद है कि इस कदम से जेल में होने वाले अपराध पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। दरअसल साल 2017 में भायखला जेल में बंद कैदी मंजुला शेट्ये की हत्या ने जेलों की हालत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच में साफ हुआ था कि महिला जेल कर्मियों और मंजुला के बीच काफी समय से खींचतान और विवाद चल रहा था। अगर आला अधिकारियों का मामले की भनक पहले लग गई होती, तो शायद घटना को रोका जा सकता था।

पीट-पीटकर हत्या

बता दें कि 23 जून को मंजुला की पाव और अंडे को लेकर हुए विवाद के बाद पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस वारदात को अंजाम देने के लिए जेलर के अलावा पांच महिला जेलकर्मियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसके अलावा जेलों में गैंगवार, नशीले पदार्थ और मोबाइल मिलने के भी मामले सामने आते रहते हैं। जेल की चाहरदीवारी के भीतर चल रहे गोरखघंघे की विभाग के आलाअधिकारियों को भनक तक नहीं होती। इसीलए अब ऐसी वारदातों को रोकने के लिए जेल में खुफिया तंत्र खड़ा किया जाएगा।

जेल में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए पहल

हाल ही में राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किए गए पहले पुलिस महानिदेशक (जेल) बिपिन बिहारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि जेल के भीतर एक टीम होगी, जो कैदियों के साथ-साथ जेलकर्मियों पर नजर रखेगी और किसी भी गड़बड़ी की सूचना आला अधिकारियों तक पहुंचाएगी। अधिकारियों को उम्मीद है कि खुफिया सूचनाएं मिलने से जेल में गैंगवार,कैदियों की आपसी भिडंत, शराब, नशीले पदार्थ, मोबाइल आदि पर भी रोक लगाई जा सकेगी। इसके अलावा आलाअधिकारी उन लोगों की भी जानकारी हासिल करेंगे जिन्हें पैसों के बदले खास सुविधाएं दी जातीं हैं। 

Created On :   1 Jan 2018 10:22 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story