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अन्य पिछड़ावर्ग आयोग को सौंपी अंतरिम रिपोर्ट विश्वसनीय नहीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। ओबीसी जनमोर्चा अध्यक्ष प्रकाश अण्णा शेंडगे ने ओबीसी आरक्षण को लेकर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से अन्य पिछड़ावर्ग को सौंपी अंतरिम रिपोर्ट विश्वसनीय नहीं है। ओबीसी का राजनीतिक अस्तित्व समाप्त करने के साथ ही अन्य क्षेत्रों से पत्ता काटने की राज्य सरकार में बैठे प्रस्थापितों की बड़ी साजिश है।
आरोप : सरकार ने षड्यंत्र रचा है
शेंडगे ने कहा कि अन्य पिछड़ावर्ग आयोग को राज्य सरकार की ओर से सौंपे गए डेटा और वास्तविक आंकड़ों में काफी अंतर है। मंडल आयोग ने राष्ट्रीय स्तर पर ओबीसी की जनसंख्या 52 फीसदी आंकी थी। उसके बाद भटके व विमुक्त समेत 150 जनजाति का ओबीसी में समावेश किया गया। उसे जोड़कर वर्तमान स्थिति में ओबीसी की जनसंख्या 60 फीसदी से कम हो ही नहीं सकती। जबकि राज्य सरकार द्वारा अन्य पिछड़ावर्ग को सौंपी रिपोर्ट में 32 से 38 फीसदी जनसंख्या की खबरें प्रकाशित हुई हैं। दरअसल ओबीसी का अस्तित्व समाप्त करने का सरकार ने षड्यंत्र रचा है।
आयोग को सौंपी अंतरिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश होने से पहले प्रसार-माध्यमों के पास पहुंचने पर भी उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि प्रसार-माध्यमों में प्रकाशित खबरों के अनुसार गड़चिरोली, नंदूरबार और पालघर जिले में ओबीसी का प्रकाश शून्य बताया गया है। नाशिक और धुले जिले में 2 फीसदी जनसंख्या बताई गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास ओबीसी का डाटा उपलब्ध नहीं है। राज्य के विविध विभागों से मिली आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर अंतरिम रिपोर्ट बनाकर आयोग के पास पेश किया गया है। आंकड़ों का घालमेल करना छोड़ संपूर्ण राज्य की जातिनिहाय जनगणना तत्काल करने की उन्होंने मांग की।
Created On :   13 Feb 2022 4:41 PM IST