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इंटरनेशनल डे ऑफ फैमिली : संयुक्त परिवारों से रहती है रौनक, जिन्दगी के हर रंग समेटे हुए
डिजिटल डेस्क, नागपुर। इंटरनेशनल डे ऑफ फैमिली के खास मौके पर उपराजधानी के ऐसे परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां परदादी,दादा-दादी के साथ खेलते पोता-पोती, देवरानी-जेठानी की खट्टी-मीठी नोंक-झोंक, भाभी मां का देवर के लिए प्यार-दुलार,तो सास-बहू का कभी प्यार तो कभी तकरार, तो चाचा-चाची से दिल की बात कहना,बड़े पापा और मम्मी से पसंदीदा वस्तुओं की डिमांड, भाई-बहनो का लड़ना-झगड़ना इन सभी से घर में रौनक होती हैं। जब पूरा परिवार एक साथ रहें,तो हर दिन त्यौहार लगता हैं। भरे पूरे से परिवार से रिश्तो की डोर,परिवार की नींव और दीवारें मजबूत होती हैं। अब संयुक्त परिवार की संख्या अंगुलियों में गिनने बराबर ही रह गई हैं। घर में अगर बर्तन हैं,तो आवाज तो होगी,बशर्ते की आवाज घर के बाहर ना जाए। संयुक्त परिवार इसी बात की मिसाल हैं। कोरोना महामारी के दौरान एकल परिवार वालों को यह बात समझ आई,कि असली मजा तो सब के साथ आता हैं। इंटरनेशनल डे ऑफ फैमिली हैं। इस अवसर पर शहर के कुछ संयुक्त परिवारों से मिलवा रहे हैं,जो आज भी साथ-साथ हैं
एक बिल्डिंग में रहते परिवार के 44 सदस्य
शिवाजी नगर में मंत्री परिवार हैं,जिसमें 44 सदस्य आज भी साथ रहते हैं। मंत्री परिवार की बड़ी बहु सुशीला मंत्री ने बताया कि आज भी हमारे परिवार ने एकता की मिसाल को कायम रखा हैं। परिवार के सभी सदस्य मिल-जुलकर और पूरे सामंजस्य के साथ रहते हैं। इस परिवार ने कई पीढ़ियां देख ली हैं। खाना-पीना, हंसी-मजाक, संगीत सभी एक साथ करते हैँ। सबसे महत्वपूर्ण बात यह हैं कि हर मंगलवार और शनिवार घर में सुंदर कांड होता हैं,जिसमें परिवार के पूरे सदस्य मौजूद रहते हैं। परिवार को एक माला में पिरो कर रखा है,घर की दो बड़ी सदस्या लक्ष्मीबाई मंत्री और पुष्पाबाई मंत्री ने। परिवार का सबसे बड़ी सदस्य लक्ष्मीबाई मंत्री 87 वर्ष का और सबसे छोटा सदस्य परपोता आरव 3 माह का हैँ। लक्ष्मीबाई के बड़े बेटे रमेश मंत्री परिवार के मुखिया हैं। 11 मई को रमेश मंत्री का 68 वां और उनके पोते वेद का पहला जन्मदिन परिवार के सदस्यों ने घर पर ही मनाया। परिवार की परंपरा का पालन करते हुए,सभी एक-दूसरे को प्रणाम करते हैं। मुझे लगता हैं,कि किसी परिवार में विवाह होता हैं,जब जरूर इतने सदस्य जुटते होंगे,लेकिन हमारे यहां जब सब सदस्य एक साथ दिखते है,तो दूसरो को वैवाहिक आयोजन जैसा प्रतीत होता होगा। दिवाली,होली,नवरात्र हर त्यौहार सभी साथ मिलकर मनाते है
कोरोना के समय सभी ने बांटा अपना काम
धंतोली निवासी चांडक परिवार की मंजु चांडक ने बताया कि हमारा 20 सदस्यीय परिवार हैं। परिवार के सभी सदस्य एक-दूसरे के साथ खुश हैं। परिवार में हर दिन पाठ होता हैं। जिसमें परिवार का हर सदस्य शामिल होता है। जब पूरा परिवार एक साथ खाना बैठता है,तो हंसी-ठिठोली और मजाक मस्ती होती हैं। पहले तो बिजनेस और बच्चों की स्कूल के कारण भी सदस्य सुबह एक साथ लंच नहीं कर पाते थे,लेकिन कोरोना के कारण लॉकडाउन होने से सबकुछ बंद है। इसलिए ब्रेकफास्ट,लंच और डिनर सभी सदस्य एक साथ करते हैं। इन दिनो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मेड को छुट्टी दी हुई हैं,इसलिए काम ज्यादा हैं। लेकिन सभी ने अपना काम बांट लिया हैं। पुरूष सब्जी वगैरह लाकर देते है,कभी-कभी किचन में भी महिलाओं की मदद कर देते हैं। सभी सदस्य अपने खाने की प्लेट धोकर रख देते हैं। बच्चें तो घर की सफाई में भी हाथ बंटा रहे हैं। हम घर की 4 बहुएं किचन संभालती हैं। परिवार की सबसे बड़ी सदस्य मेरी ताई जी गायत्रीदेवी चांडक 78 वर्ष की हैं। उनके बाद मेरे ससुर नारायण दास चांडक 71 वर्ष के हैं। बच्चें भी दादा-दादी के साथ खेलते है। उनसे अच्छी-अच्छी बातें सीखते हैं। हमारा परिवार हंसता-खेलता हैं।
Created On :   14 May 2020 6:18 PM IST