जिलाधिकारी की कमेटी के हवाले खजूर की जांच

Investigation of Khajur handed over to the committee of the District Magistrate
जिलाधिकारी की कमेटी के हवाले खजूर की जांच
नागपुर जिलाधिकारी की कमेटी के हवाले खजूर की जांच

डिजिटल डेस्क, नागपुर. विधानमंडल की अनुसूचित जाति कल्याण समिति की सख्त भूमिका से जिला परिषद "खजूर' में लटक गई है। आंगनवाड़ी में बालकों, स्तनदा माता और गर्भवती को पूरक आहार के रूप में वितरित खजूर पर पेश खर्च का लेखा-जोखा समिति को हजम नहीं हुआ। खरीदी तथा वितरण में संदेह होने पर समिति ने जिलाधिकारी को कमेटी गठित कर गहन जांच के आदेश दिए। 

खजूर पर 1 करोड़ खर्च

साल 2020-2021 में जिला परिषद के महिला व बाल कल्याण विभाग ने एससीपी योजना अंतर्गत आंगनवाड़ी के बालक, स्तनदा माता और गर्भवती को पूरक आहार के रूप में खजूर दिया गया। आंगनवाड़ी के बालकों को 200 ग्राम के 6 पैकेट और स्तनदा माता तथा गर्भवती को 12 पैकेट का वितरण किया गया। प्रशासन ने सीडलेस खजूर वितरण किए जाने का दावा किया था। सदस्यों ने बीजयुक्त तथा निकृष्ट खजूर वितरण करने की शिकायत की थी। प्रशासन ने सदस्यों की शिकायतों काे नजरअंदाज कर प्रकरण ठंडे बस्ते में डाल दिया। अनुसूचित जाति कल्याण समिति ने खजूर की खरीदी और वितरण पर संदेह व्यक्त कर जिलाधिकारी को गहन जांच के आदेश दिए हैं। 

प्रशासन की सफाई पर समिति संतुष्ट नहीं

अनुसूचित जाति कल्याण समिति ने शनिवार को संपूर्ण दौरे का जायजा लिया। जिप प्रशासन की ओर से खरीदी के दस्तावेज, वितरण की फोटो समिति के सामने पेश किए। प्रशासन की सफाई पर समिति संतुष्ट नहीं हुई। कोरोना के चलते लॉकडाउन में वितरण कैसे किया गया, यह सवाल समिति ने किया। इस सवाल के जवाब से समिति का समाधान नहीं हुआ। शुक्रवार को ग्रामीण क्षेत्र में दौरे पर गई समिति ने लाभार्थियों से संवाद साधने पर खजूर नहीं मिलने का जवाब आने की सूत्रों ने जानकारी दी। जांच में घोटाला सामने आने पर प्रशासन और पदाधिकारी लपेटे में आने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

Created On :   8 May 2022 5:47 PM IST

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