भारतीय संस्कृति से मिलती-जुलती रहती हैं ईरानियन फिल्में : समीर नाफडे

Iranian films resemble Indian culture: Sameer Nafade
भारतीय संस्कृति से मिलती-जुलती रहती हैं ईरानियन फिल्में : समीर नाफडे
भारतीय संस्कृति से मिलती-जुलती रहती हैं ईरानियन फिल्में : समीर नाफडे

डिजिटल डेस्क,नागपुर ।   फिल्में दर्शकों के साथ सीधे जुड़ती हैं। फिल्य देखने के बाद लोग इसे अपने जीवन से जुुड़ा महसूस करते हैं यह कहना है निर्झर सिने क्लब के सचिव समीर नाफडे का। उन्होंने बताया कि अच्छे विषय-वस्तु वाली फिल्मों को दर्शकों के बीच पहचान हासिल करने के लिए अधिक प्रचार की जरूरत नहीं होती है। एक अच्छी कहानी और एक अच्छे विषय वाली फिल्म को दर्शक देखना पसंद करते हैं।

तीन दिवसीय ईरानियन फिल्म फेस्टिवल 30 मार्च से
निर्झर सिने क्लब एवं सिनेमोटांज द्वारा चिटणवीस सेंटर में तीन दिवसीय ईरानियन फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा। फेडरेशन आफ फिल्म सोसाइटी ऑफ इंडिया व कल्चरल हाउस ऑफ द ईरान व मुबंई संयुक्त रूप से इसका आयोजन कर रहे हैं। फिल्म फेस्टिवल का आयोजन 30 मार्च से शाम 4 बजे से मिमोसा हॉल, चिटणवीस सेंटर सिविल लांइस में किया जाएगा। समीर नाफडे ने बताया कि ईरानी फिल्मों के विषयवस्तु बेहतरीन होते हैं। इनके सब्जेक्ट दिलों को छू लेने वाले होते हैं। चिल्ड्रन ऑफ हैवन को ही ले लीजिए, इसका सब्जेक्ट बेहतरीन था। इसे पूरे विश्व में सराहा गया। उन्होंने कहा कि मजीद मजीदी द्वारा निर्देशित सर्वश्रेष्ठ फिल्मों का एक संग्रह है। 

संस्कृति में समानता 
नाफडे ने कहा कि यही नहीं, ईरानियन फिल्मों को दर्शक भी खूब सराहेंगे। ईरानियन संस्कृति और भारतीय संस्कृति में काफी समानता है। हमारी बहुत सी बातें, चीजें हमसे मिलती-जुलती हैं। नागपुर के दर्शकों के लिए यह एक अनोखा अवसर होगा। सबसे बेहतर बात यह होगी कि इससे हमें ईरानी फिल्में व उनकी संस्कृति के बारे में जानकारी भी मिलेगी। 

इंडिया में रिलीज नहीं हुई 
समीर के अनुसार तीन दिवसीय फिल्म फेस्टिवल के आयोजन में दिखाई जाने वाली फिल्में भारत में रिलीज नहीं हुई हैं। इन्हें देखने में आनंद आएगा। ये सभी बेहद सिलेक्टेड मूवीज हैं। इनमें हैं ब्लीडिंग हार्ट, हैलो मुंबई, अंडर द स्मोकी रूफ, ह्यूमन कॉमेडी, बैंच सिनेमा का प्रदर्शन किया जएगा। पैनल डिस्कशन ऑन अंडरस्टेंडिंग ईरानियन सिनेमा एंड इंटस डेवलपमेंट बाय सिने एथूसियास्ट भी शामिल रहेगें। 

दिलों की छूती हैं
बकौल समीर नाफडे टेस्ट ऑफ चेरी, द सेपरेशन, द कलर ऑफ पैराडाइज, द पास्ट जैसी एक से बढ़कर एक मूवीज हैं, जो ईरान के फिल्म निर्देशकों द्वारा बनाई गई हैं। इन्हें दर्शकों का भरपूर प्यार मिला है, यही नहीं इनकी फिल्मों की कथावस्तु शानदार होती है, जिसे भारतीय दर्शक व नागपुर के दर्शक देखना चाहेंगे। 

तीन फिल्म सोसाइटियां कर रही हैं आयोजन 
इस फिल्म फेस्टिवल की खास बात यह है कि इसका आयोजन फेडरेशन आॅफ फिल्म सोसाइटी ऑफ इंडिया व कल्चरल हाउस ऑफ द ईरान, मुबंई मिलकर कर रहे हैं। इसमें निर्झर सिने क्लब, सिने मोंटांज मिलकर आयोजन कर रहे हैं। समीर ने कहा कि यह एक खास मौका होगा, जब नागपुर के दर्शक बेहतर फिल्में देख सकेंगे। 

Created On :   26 March 2018 4:10 PM IST

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