विडंबना: बाढ़ प्रभावित परिवारों को तीन माह बाद भी नहीं मिल पाया आशियाना

Irony: flood affected families could not get shelter even after three months
विडंबना: बाढ़ प्रभावित परिवारों को तीन माह बाद भी नहीं मिल पाया आशियाना
विडंबना: बाढ़ प्रभावित परिवारों को तीन माह बाद भी नहीं मिल पाया आशियाना



डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/चौरई। पेंच नदी की बाढ़ में तीन माह पहले अपना सब कुछ गवा चुके परिवारों को अब तक अपना आशियाना नहीं मिल पाया है। कौआखेड़ा के बेलगांव में प्रशासन ने जो जगह इन परिवारों को बसाने के लिए चयनित की थी वहां पर एक आदिवासी परिवार का कब्जा है। यह परिवार जगह से कब्जा हटा नहीं रह है। जिसके चलते प्रभावित परिवार आंगनबाड़ी और स्कूल भवनों में ही रहने को मजबूर है। गौरतलब है कि 28 और 29 अगस्त को पेंच नदी में आई बाढ़ में नदी किनारे बसे बेलगांव और कौआखेड़ा में जमकर नुकसान हुआ था। सैकड़ों परिवारों के आशियाने नदी की बाढ़ में बह गए थे। सर्वे के बाद चाँद के प्रशासनिक अधिकारियों ने कौआखेड़ा के 71 और बेलगांव में 53 परिवारों के पुनर्वास के लिए व्यवस्था की थी। बेलगांव के परिवारों को गांव के बाहर जिस जगह पर बसाया जाना है वहां पर किसी का कब्जा है। ऐसे में कब्जेदार यहां पर बाढ़ प्रभावित परिवारों को आवास ही नहीं बनाने दे रहा है। जिसके कारण इन परिवारों को तीन महीने से आंगनबाड़ी और स्कूल परिसर में ही रहना पड़ रहा है बताया जाता है कि अधिकांश परिवारों को आर्थिक राशि मिल गई है, लेकिन जगह पर कब्जा नहीं मिलने से वे आवास का काम नहीं कर पा रहे है।
एक-एक कमरों में रहना पड़ रहा बाढ़ प्रभावितों को-
अगस्त माह में आई बाढ़ के बाद से लेकर अब तक प्रभावित परिवारों की समस्या कम नहीं हुई है। कौआखेड़ा के राम मरावी के मुताबिक परिवारों को आज भी आंगनबाड़ी में रहना पड़ रहा है। यहां एक भवन में तीन से चार परिवार रह रहे है। जिससे समस्या आने लगी है।
खाते में डले 1 लाख तो खाता सीज, अब भी नहीं खुला-
कौआखेड़ा के ग्रामीणों ने बताया कि उनके खाते कम लिमिट के थे। प्रशासन ने 97 हजार से 1 लाख की राशि  उनको मकान बनाने के लिए उनके खातों में जमा करवा दिया अब यही उनके लिए मुसीबत बन गया। छोटा खाता होने से वे सीज हो गए। अब आधार कार्ड देने के बाद भी खाता से राशि नहीं निकल पा रही है। जिससे उनके मकानों के काम ही शुरू नहीं हो पाया है।
3 महीने में भी नहीं बदले हालात-
बाढ़ से चौरई का बंधी और चाँद के 5 गांव प्रभावित हुए थे। इन गांवों में तीन महीने बाद भी हालत वहीं के वहीं है। प्रशासन ने घर बनाने के लिए राशि और जगह सभी परिवारों को दे दी है लेकिन उनकी सुध नहीं ले रही है। जिससे अब तक इन गांवों में 10 फीसदी भी आवास नहीं बन पाए है।
इनका कहना है...
बेलगांव में जगह का आवंटन किया जा चुका है। मकान बनाने में अगर कोई समस्या आ रही है तो तत्काल उसकी जानकारी लेकर उसको दूर करवाया जाएगा। बाढ़ प्रभावित परिवारों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जाएगी।
सुनैना ब्रह्मे, तहसीलदार चाँद

 

Created On :   21 Nov 2020 9:13 PM IST

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