बाजोरिया की बढ़ेंगी मुश्किलें, सड़क निर्माण में अनियमितता की होगी जांच, HC के आदेश

irregularities in road construction will be investigated : HC
बाजोरिया की बढ़ेंगी मुश्किलें, सड़क निर्माण में अनियमितता की होगी जांच, HC के आदेश
बाजोरिया की बढ़ेंगी मुश्किलें, सड़क निर्माण में अनियमितता की होगी जांच, HC के आदेश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। निर्माणकार्य में भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे सुमित बाजोरिया की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है। नागपुर बोरी तुलजापुर हाईवे के निर्माणकार्य में बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगाती जनहित याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने आदेश जारी किया। हाईकोर्ट ने सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग के प्रधान सचिव को प्रकरण की जांच करके दोषियों पर आपराधिक मामले दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने जांच पूरी होने तक ठेकेदार सुमित बाजोरिया को भुगतान करने से राज्य सरकार को रोका है।

याचिकाकर्ता दिगंबर पचगाडे ने हाईकोर्ट में यह जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें मुद्दा उठाया गया था कि यवतमाल बस स्टैंड से वनवासी मारुति मंदिर तक पौने चार किमी के सड़क निर्माणकार्य में भारी अनियमितता हुई है। सुमित बाजोरिया को फरवरी 2017 में 38 करोड़ 56 लाख रुपए में इस कामकाज का ठेका दिया गया था। मार्च 2017 में सड़क का कामकाज शुरू हुआ। 21 जुलाई 2017 को जब उपविभागीय अधिकारी काम की देखरेख के लिए स्थल पर पहुंचे तो उन्हें इस कामकाज में भारी अनियमितता मिली। इस मामले में उन्होंने राज्य सरकार से शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उलट 18 अगस्त 2017 को अधिकारी का तबादला कर दिया गया। इस मामले की जानकारी याचिकाकर्ता को मिलने के बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री चंद्रकांत पाटील से 18 दिसंबर 2017 को शिकायत की गई थी। लेकिन इसके बाद भी जब कार्रवाई नहीं हुई तो याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. शशिभूषण वहाने ने पक्ष रखा। 

मानकापुर क्रीड़ा संकुल की जांच के आदेश
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में जनहित याचिका की सुनवाई में मानकापुर क्रीड़ा संकुल के दुरुपयोग का मुद्दा उठा। न्यायालयीन मित्र एडवोकेट श्रीरंग भंडारकर ने कोर्ट को बताया कि क्रीड़ा विभाग द्वारा मानकापुर क्रीड़ा संकुल शादियों के लिए भी उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कोर्ट को कुछ तस्वीरें भी दिखाईं। मामले की वास्तविकता जानने के लिए हाईकोर्ट ने विभागीय आयुक्त की समिति को न्यायालयीन मित्र भंडारकर के साथ मानकापुर जाकर यहां की स्थिति और निजी आयोजनों से हुई क्षति का जायजा लेने के आदेश दिए हैं। उन्हें दो सप्ताह में निरीक्षण कार्य पूरा कर हाईकोर्ट में रिपार्ट प्रस्तुत करनी होगी। 

अधिकारियों के अलग-अलग बयान
बता दें कि बीती सुनवाई में विभागीय आयुक्त ने कोर्ट को जानकारी दी कि नायब तहसीलदार द्वारा की गई पड़ताल में सामने आया है कि खेल विभाग ने बीते कुछ दिनों में इस संकुल में धड़ल्ले से निजी आयोजनों और पार्टियों को अनुमति दी है। वहीं विभागीय क्रीड़ा उपसंचालक ने कोर्ट में शपथ पत्र दिया था कि उनके विभाग ने संकुल को कभी भी निजी आयोजनों के लिए नहीं दिया। दो अधिकारियों के दो अलग-अलग बयानों पर नाराज हाईकोर्ट ने दोनों विभागों को जमकर फटकारा था।  

Created On :   30 Aug 2018 3:22 PM IST

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