अदालत ने पूछा- क्या पेड़ों को कांटने की अनुमति देते समय विशेषज्ञों से राय लेते हैं मनपा आयुक्त 

Is the Municipal Commissioner take opinions from the experts?-HC
अदालत ने पूछा- क्या पेड़ों को कांटने की अनुमति देते समय विशेषज्ञों से राय लेते हैं मनपा आयुक्त 
अदालत ने पूछा- क्या पेड़ों को कांटने की अनुमति देते समय विशेषज्ञों से राय लेते हैं मनपा आयुक्त 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पेड़ों को गिराने की अनुमति देते समय क्या मनपा आयुक्त विशेषज्ञों से राय लेते है? बांबे हाईकोर्ट ने सोमवार को मुंबई व ठाणे महानगरपालिका से यह सवाल किया। महाराष्ट्र प्रोटेक्श एंड प्रिजरवेशन आफ ट्री एक्ट में पिछले दिनों हुए संसोधन के तहत 25 पेड़ो तक के काटने से जुड़े प्रस्ताव को महानगरपालिका  आयुक्त के सामने रखा जा सकता है। जबकि इससे अधिक वृक्षों को काटने का प्रस्ताव वृक्ष प्राधिकरण के पास पेश किया जाना चाहिए। 

हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर 
कानून में किए गए इस संसोधन को सामाजिक कार्यकर्ता जोरु भतेना ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी है। याचिका में पेड़ों को काटने की अनुमति देने को लेकर मनपा आयुक्त के विशेष अधिकार पर भी सवाल उठाए गए है। सोमवार को जस्टिस अभय ओक व जस्टिस रियाज छागला की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान बेंच ने कहा कि मनपा आयुक्त यह कैसे तय करते है कि किस पेड़ को काटना है किसे ट्रंासप्लांट करना(दोबारा रोपना) है? क्योंकि मनपा आयुक्त इस मामले में विशेषज्ञ नहीं होते है तो क्या वे इस मामले में विशेषज्ञों से परामर्श लेते है? इसके साथ ही पेड़ों को काटने को लेकर जो वे आदेश देते है क्या उसे वे प्राकाशित करते है ? ताकि यदि कोई चाहे तो निर्णय को चुनौती दे सके। 

मंगलवार को मामले की सुनवाई 
बेंच ने कहा कि जब पेड़ कट जाता है तो वह पूरी तरह से मर जाता है इसलिए जरुरी है कि वृक्षों के संबंध में लिए जानेवाले निर्णय में विवेक का इस्तेमाल किया जाए। बेंच के सामने मंगलवार को भी इस मामले की सुनवाई जारी रहेगी। 

Created On :   16 April 2018 2:32 PM GMT

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