कोर्ट में उठा स्मारकों-प्रतिमाओं पर खर्च का मुद्दा, नीति स्पष्ट करने के निर्देश

कोर्ट में उठा स्मारकों-प्रतिमाओं पर खर्च का मुद्दा, नीति स्पष्ट करने के निर्देश

डिजिटल डेस्क, नागपुर । जिले के गांवों और शहरों पर निर्मित स्मारकों और प्रतिमाओं पर खर्च का मुद्दा कोर्ट में उठाया गया है। मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार से नीति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि गांवों-शहरों में महापुरुषों की प्रतिमाएं और स्मारक बनाने के लिए बड़ी राशि खर्च की जाती है। सरकार यह खर्च जनता द्वारा दिए गए टैक्स के पैसों से ही करती है। ऐसे में अब बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने बुधवार को इस विषय का संज्ञान लिया है। 

कोर्ट में मांगी रिपोर्ट
कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या सरकार के पास प्रतिमाओं और स्मारकों के निर्माण और उसके खर्च को लेकर कोई प्रारूप या निर्धारित नीति है। दरसअल कोर्ट द्वारा यह आदेश जारी करते वक्त यह भी कहा गया कि प्रतिदिन प्रसार माध्यमों में होने वाली विविध चर्चाओं में एक प्रश्न हमेशा उठता है कि करदाताओं के पैसे का सरकार सदुपयोग करती है या नहीं। साथ ही सरकार द्वारा प्रतिमाओं  और स्मारकों पर बड़ी राशि खर्च करने पर भी लगातार सवाल उठते रहते हैं। एक वर्ग यह भी दलील देता है कि सरकार को प्रतिमाओं  पर राशि खर्च करने की जगह उन पैसों का उपयोग अस्पताल या स्कूल के निर्माण में करना चाहिए। ऐसे में कोर्ट ने राज्य सरकार से नीति स्पष्ट करने को कहा है। 

यह है मामला
धार्मिक उत्सवों के अवसर पर रास्तों पर लगाए जाने वाले अनधिकृत मंडप-पंडाल, प्रवेश द्वार से सड़क पर यातायात प्रभावित होता है। इस मामले में डॉ. मनोहर खोरगडे और दिनेश नायडू ने जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका में विविध मुद्दों पर प्रकाश डाला गया। यातायात समस्या, सड़कों पर लगने वाले पंडालों, अनधिकृत निर्माणकार्य, प्रतिमाओं-स्मारकों के निर्माण का मुद्दा उठाया गया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने समय-समय पर विविध आदेश जारी किए। मुख्य रूप से शहर में नागरिकों की मूलभूत सुविधाएं बनी रहे इसको लेकर मनपा को आदेश जारी किए गए थे। हाईकोर्ट के आदेशानुसार मनपा ने धार्मिक उत्सवों के अवसर पर सड़कों पर लगाए जाने वाले पंडालों, प्रवेश द्वारों के साथ ही, अनधिकृत निर्माण कार्यों, अवैध होर्डिंग, ध्वनि प्रदूषण जैसी समस्याओं पर एक्शन प्लान तैयार कर हाईकोर्ट में पेश किया था। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. फिरदौस मिर्जा ने पक्ष रखा। 
 

Created On :   18 Jan 2018 12:17 PM IST

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