सूखे की मार झेल रहे किसान, जिला परिषद की सभा में किसानों की समस्या का मुद्दा गरमाया

Issue of problem of farmers in the meeting of zilla parishad
सूखे की मार झेल रहे किसान, जिला परिषद की सभा में किसानों की समस्या का मुद्दा गरमाया
सूखे की मार झेल रहे किसान, जिला परिषद की सभा में किसानों की समस्या का मुद्दा गरमाया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बारिश नहीं होने से जिले के कलमेश्वर, काटोल, नरखेड़ तहसीलों में अकाल जैसी स्थिति बनी हुई है। पानी की किल्लत के चलते जिले में बड़े पैमाने पर फलबागों को नुकसान हुआ है। संतरा, मौसंबी, नींबू के पेड़ ही खराब हो गए हैं। काटोल, कलमेश्वर और नरखेड़ तहसीलों में संतरे को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे किसानों को 100 फीसदी क्षतिपूर्ति देने की मांग का प्रस्ताव जिला परिषद की आमसभा में पारित किया गया। उक्त प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। जिला परिषद की आमसभा में किसानों की समस्या ही गरमाई रही। विपक्षी नेता मनोहर कुंभारे व चंद्रशेखर चिखले ने संतरा-मौसंबी नुकसान से लेकर फसल बीमा और सोयाबीन बीज के दाम में बढ़ोतरी का मुद्दा उठाया। जिप अध्यक्ष निशा सावरकर, उपाध्यक्ष शरद डोणेकर, विषय समिति सभापति उकेश चव्हान, दीपक गेडाम, आशा गायकवाड़, पुष्पा वाघाडे, सीईओ संजय यादव सहित सभी सदस्य व विभाग प्रमुख उपस्थित थे।

1 लाख हेक्टेयर के हिसाब से मिले मदद, 50 फीसदी पेड़ खराब

विपक्षी नेता मनोहर कुंभारे ने कहा कि भीषण गर्मी और पानी की कमी के चलते संतरा उत्पादकों के 50 फीसदी पेड़ जल गए हैं।  सरकार को संतरा पुनर्जीवन योजना के तहत मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संतरा उत्पादन किसानों को 1 लाख रुपए हेक्टेयर के हिसाब से मदद मिलनी चाहिए। चिखले ने कहा कि किसानों को फसल कर्ज में डबल झटका बैठ रहा है। कृषि कर्ज लेने पर उसे बीमा अनिवार्य है, जिसकी किस्त बैंक ही काट लेती है। वहीं कर्ज का ब्याज भी उसे चुकाना है। जबकि नुकसान होने पर बीमा कंपनी कई शर्तें लगाकर  बीमित राशि (इंश्योरेंस क्लेम) देने से बचती है और बीमा का लाभ नहीं मिलता। सभापित राजू हरणे ने बताया कि संतरा व मौसंबी की फसल बहुवार्षिक फसल में आती है, लेकिन अधिकारियों ने इसे बहुवार्षिक में शामिल नहीं किया, इसलिए योजना का फायदा नागपुर के किसानों को नहीं मिला। जबकि अमरावती जिले के किसानों को 18000 रुपए की मदद मिली है। नागपुर जिले में इस योजना के लिए जिला कृषि अधीक्षक ने प्रस्ताव ही सरकार को नहीं भेजा। अधिकारी की गलती के कारण नुकसान किसानों को हुआ है। 

एक पैकेट पर बढ़ेंगे 500 रुपए दाम

कांग्रेस सदस्य मनोज तीतरमारे ने कहा कि इस खरीफ मौसम में सोयाबीन किसानों को बीज महंगा मिल रहा है। सरकारी बीज कंपनी महाबीज ने पिछले वर्ष 40 किलो सोयाबीज का पैकेट 1300 रुपए में दिया था, लेकिन इस वर्ष वह 1800 रुपए में बेचा जा रहा है। 500 रुपए के पैकेट का दाम बढ़ा दिया गया है, जो गलत है। यह अनुदानित बीज एक सातबारा में एक ही पैकेट दिया जाता है। वित्त सभापति चौव्हाण ने कहा कि मानसून के लेट होने के चलते संतरा व मौसंबी के पेड़ मर रहे हैं, इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इसलिए किसानों को मदद मिलनी चाहिए। कुंभारे ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में संतरा उत्पादकों को आर्थिक मदद की गई थी। अध्यक्ष ने क्षतिपूर्ति  का प्रस्ताव सरकार को भेजने का निर्देश दिया।
 

Created On :   18 Jun 2019 6:00 AM GMT

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