- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- आईटी की कार्रवाई: बिल्डरों पर लग...
आईटी की कार्रवाई: बिल्डरों पर लग सकता है 80% तक जुर्माना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बिल्डरों के खिलाफ आयकर विभाग की छापामार कार्रवाई शुक्रवार को अधिकांश स्थानों पर खत्म हो गई। जांच में करोड़ों की चल-अचल संपत्ति का पता चला है। आयकर विभाग के हाथ करोड़ों की नकदी व महंगे जेवरात के अलावा जमीन के दस्तावेज लगे हैं। बिल्डरों पर कुल संपत्ति का आयकर पकड़कर 80 फीसदी तक जुर्माना हो सकता है।
याद रहे आयकर विभाग ने मंगलवार को एक साथ बिल्डर सुधीर कुणावार, अतुल यमसनवार, प्रशांत बोंगिरवार, राहुल उपगनलावार, चंद्रकांत पद्मावार, विश्वास चकनालवार के आवास व दफ्तरों पर छापे मारे थे। आवासों पर कार्रवाई गुरुवार को ही खत्म हाे गई थी। शुक्रवार को अधिकांश स्थानों पर कार्रवाई खत्म हुई। आय कर विभाग ने जब्त चल-अचल संपत्ति की सूची तैयार की। आवासों पर हुई कार्रवाई में घर के कुछ प्रमुख सदस्यों के स्टेटमेंट रिकार्ड करने की जानकारी है। वहीं दफ्तरों में जिम्मेदार अधिकारी के स्टेटमेंट रिकार्ड किए गए। सूत्रों के अनुसार जांच में जो चल अचल संपत्ति का पता चला, उसके मुताबिक 30 फीसदी आयकर के अलावा ब्याज व जुर्माना अलग से लगेगा। कुल संपत्ति पर आयकर व ब्याज पकड़कर 80 फीसदी तक जुर्माना हो सकता है। फिलहाल विभाग ने संपत्ति जब्ती प्रक्रिया शुरू कर सरकारी रिकार्ड में डालने की कार्रवाई तेज कर दी है। कई ऐसी संपत्तियां हाथ लगी हैं, जिनकी विस्तृत जानकारी अभी बिल्डर भी नहीं दे पा रहे। यह पूरा अनडिस्क्लोज और बेनामी संपत्ति का मामला है।
सूत्रों के अनुसार कई संपत्तियां ऐसी हैं, जिनका रिकार्ड पर नाम है, लेकिन वे अभी है नहीं। इसे बेनामी संपत्ति के तौर पर देखा जाएगा। जो संपत्ति मिली है और घोषित न करते हुए टैक्स चोरी की उसे अनडिस्क्लोज संपत्ति की श्रेणी में डाला जाएगा। बड़े पैमाने पर नकदी व महंगे जेवरात मिले हैं। बैंक लाकरों को खोलने के बाद संपत्ति में और इजाफा होगा। अभी कई बिल्डर सीधे सामने नहीं आने से स्टेटमेंट रिकार्ड नहीं हो पा रहे हैं। विभाग जो संपत्ति जब्त करता है, उस बारे मे ंसंबंधित का स्टेटमेंट रिकार्ड करता है। आयकर चोरी के इरादे से पार्टनरों, रिश्तेदारों व विश्वासपात्रों के नाम संपत्ति दिखाई गई। कई फर्म शुरू करके अलग-अलग लोगों को फर्म से जोड़ा गया। कुल मिलाकर आय को एक मुश्त व एक के नाम दिखाने के बजाय कई लोगों में बांटने की रणनीति पर काम हुआ।
आयकर विभाग में होगी सुनवाई
आयकर चोरी से संंबंधित मामलों की सुनवाई आयकर विभाग ही करता है। यहां से फैसला होने के बाद संबंधित व्यक्ति विभाग में ही ऊपरी स्तर पर अपील करता है। यहां से फैसला होने के बाद मामला हाईकोर्ट पहुचंता है। इस मामले में भी पहली सुनवाई विभाग करेगा। इसके बाद विभाग में वरिष्ठ स्तर पर अपील होगी। फैसला आने तक संपत्ति सरकार के कब्जे में होती है।
Created On :   29 Jun 2019 4:53 PM IST