हाईकोर्ट ने पूछा - शहीद दिवस के मौके मौन रखना जरुरी कि सायरन का बजना
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने शहीद दिवस के मौके पर दो मिनट का मौन रखने के लिए सायरन बजाने का निर्देश देने की मांग को लेकर याचिका दायर करनेवाले याचिकाकर्ता पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाककर्ता हमे बताए कि शहीद दिवस के मौके पर दो मिनट का मौन ज्यादा जरुरी है या सायरन का बजना? 30 जनवरी के दिन को शहीद दिवस को रुप में मनाया जाता है। इसीदिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथी भी होती । इस विषय को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता फिरोज मिठीबोरवाला ने याचिका दायर की हैं।
सोमवार को यह याचिका कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एसवी गंगापुरवाला व न्यायमूर्ति एसवी मारने की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इससे पहले हाईकोर्ट में शहीद दिवस के मौके पर दो मिनट का मौन रखा गया। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि ऐसे उदाहरण कहा है जो दर्शाए कि सरकार की ओर से शहीद दिवस के मौके पर दो मिनट का मौन रखने जुड़े परिपत्र का पालन नहीं हो रहा है।
इस पर याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अविनाश गोखले ने कहा कि कई पुलिस स्टेशनों में सायरन व अलार्म सिस्टम नहीं है। जिससे मौन की शुरुआत करने की जानकारी दी जा सके और आपात स्थिति में भी सायरन का उपयोग किया जा सके। इस पर खंडपीठ ने कहा कि सायरन एक अलग मुद्दा है आप कह रहे है कि दो मिनट मौन रखने से जुड़े परिपत्र का पालन नहीं हो रहा है। जवाब में अधिवक्ता गोखले ने कहा कि सरकार के परिपत्र में शहीद दिवस के मौके पर स्कूलों में राष्ट्रीय एकता से जुड़े विषय पर लेक्चर देने का उल्लेख किया गया है। जिसका पालन नहीं हो रहा है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि सायरन जरुरी है या मौन रखना महत्वपूर्ण है। आप(याचिकाकर्ता) कितनी स्कूलों में राष्ट्रीय एकता के मुद्दे पर कितनी बार लेक्चर देने के लिए गए है। खंडपीठ ने कहा कि अस्पष्ट ढंग से याचिका दायर करना बेहद आसना है। इस पर अधिवक्ता गोखले ने कहा कि वे अपनी याचिका में और तथ्य रिकार्ड में लाना चाहते है इसके लिए उन्हें समय दिया जाए। इसके बाद खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई 30 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।
याचिका के मुताबिक केंद्र सरकार के गृहमंत्रालय की ओर से सात जनवरी 2022 को सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को एक परिपत्र जारी कर हर साल शहीद दिवस के मौके पर सुबह 11 बजे दो मिनट मौन रखने के लिए कहा गया है। परिपत्र में कहा गया है कि मौन रखने की सूचना व उसके समापन के लिए सायरन बजाने का प्रावधान किया गया है। याचिका में कहा गया है कि ज्यादातर शहरों के पुलिस स्टेशनों में नागरिकों को सतर्क करने के लिए सायरन अथवा अलार्म की व्यवस्था नहीं है। याचिका के मुताबिक यदि पुलिस स्टेशनों में अलार्म की व्यवस्था होगी तो इसका इस्तेमाल समारोह व आपदा दोनों की स्थिति में किया जा सकेगा।
Created On :   30 Jan 2023 8:04 PM IST