नागपुर में जमकर बरसे बदरा, करवा चौथ पर चांद ने छकाया

It rained on Monday morning in Nagpur city
नागपुर में जमकर बरसे बदरा, करवा चौथ पर चांद ने छकाया
नागपुर में जमकर बरसे बदरा, करवा चौथ पर चांद ने छकाया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में बादल इस बार जमकर बरस रहे हैं। सोमवार की सुबह उपराजधानी में तेज बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार रविवार सुबह 8:30 बजे 3.7 मिमी वर्षा दर्ज हुई। रविवार के दिन कहीं-कहीं बारिश हुई और दिन भर बादल छाए रहे। इसके पहले शहरी क्षेत्रों में कई जगह आंधी व बादलों की गड़गड़ाहट के साथ जोरदार बारिश हुई।  

मौसम जानकारों के अनुसार कर्नाटक और मध्य महाराष्ट्र पर एक चक्रवाती चक्र है। एक चक्र ओडिशा तट पर बंगाल की खाड़ी में भी है। साथ ही कर्नाटक से मध्य महाराष्ट्र और कोंकण से तेलंगाना, छत्तीसगढ़ होते हुए द्रोणिका बनी हुई है। बंगाल की खाड़ी में बना चक्र कमजोर है, इससे नमी का बहाव बना हुआ है। पश्चिम से पूर्व तक नमी का रिसाव है। दिन में गर्मी बढ़ने से नमी पिघल रही है और इसके चलते ही विदर्भ सहित महाराष्ट्र में घरेलू बादल तेज गड़गड़ाहट के साथ बौछारें दे रहे हैं। 

चांद का इंतजार करतीं रहीं महिलाएं
करवा चौथ का व्रत करने वाली महिलाएं चांद का दीदार करने के लिए देर रात तक इंतजार करती रही। बादलों के ओट में छिपा चांद रात 11 बजे दिखाई दिया। दिन भर भूख-प्यास से व्याकुल महिलाओं ने देर रात चांद की पूजा कर अपना व्रत तोड़ा। पिछले तीन दिन से उपराजधानी में मौसम के मिजाज कुछ अलग बने हुए हैं। जिसका असर त्योहारों की तैयारी पर भी दिख रहा है। रंगरोगन का कार्य भी प्रभावित हुआ है।

मौसम जानकारों के अनुसार सोमवार को भी बादलों का साया बना रहेगा। बीच-बीच में बिजली की कड़क के साथ बौछारें आ सकती हैं। सोमवार से बादलों के छंटने का सिलसिला शुरू हो सकता है। चक्रों के निर्मित होने तथा घरेलू बादलों के बरसने से मॉनसून की वापसी भी कुछ टली है। मॉनसून की वापसी मध्य प्रदेश की सीमा पर आकर ठहर गई है। अब यह 10 अक्टूबर के बाद ही लौटने की शुरुआत करेगा। इसके चलते विदर्भ से मानसून दीपावली के आस-पास ही विदा होगा। 

विदर्भ में सूखे की स्थिति
मौसम विभाग के अनुसार 1 जून से 30 सितंबर तक ही मॉनसून सत्र माना जाता है। 28 सितंबर की गणना के अनुसार विदर्भ में सामान्य से 23 प्रतिशत वर्ष कम दर्ज की गई थी। विदर्भ के 11 जिलों में से 8 जिलों में सामान्य से 20 प्रतिशत से अधिक कम वर्षा रिकॉर्ड हुई है। मौसम विभाग के अनुसार 20 प्रतिशत कम वर्षा होने पर उसे सूखाग्रस्त माना जाता है। सबसे अच्छी स्थिति में बुलढाणा रहा। यहां समान्य से 3 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज हुई है। इसके बाद नागपुर जिले में सामान्य से 3 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई।

Created On :   9 Oct 2017 12:04 PM IST

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