भरी दोपहर में बैलों से काम कराना पड़ा महंगा, एफआईआर दर्ज

It was expensive to work with bulls in afternoon, FIR lodged
भरी दोपहर में बैलों से काम कराना पड़ा महंगा, एफआईआर दर्ज
भरी दोपहर में बैलों से काम कराना पड़ा महंगा, एफआईआर दर्ज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शुक्रवार को लकडगंज थाने में दो व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। शिकायत पिपल फॉर एनिमल की सचिव करिश्मा गलानी की ओर से की गई है। 1955 में बने एक एक्ट के अनुसार 37 डिग्री के ऊपर तापमान रहने के बाद किसी भी प्राणी से काम नहीं कराया जा सकता है। बावजूद इसके भंडारा रोड़ पर दो बैलगाड़ी चालक क्षमता से अधिक लकड़ियां लादकर जा रहे थें। ऐसे में उन पर कार्रवाई की गई है। दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर न्यायालय में पेश होने के लिए कहा गया है। 

37 डिग्री से ज्यादा तापमान होने पर नहीं करवा सकते काम 
ड्राफ्ट एंड पैक एनिमल एक्ट 1955 सेक्शन 6 व पशु क्रुरता निवारण अधिनियम 1960 सेक्शन 11 के तहत बैल, घोडा, गधा या इनकी तरह अन्य जानवरों से 37 डिग्री से ज्यादा तापमान रहने पर काम नहीं कराया जा सकता है। इन दिनों सूरज आग उगल रहा है। ऐसे में शहर का तापमान 46 के करीब पहुंच गया है। इन्सानों के लिए लागू किए हीट एक्शन प्लान के तहत 43 डिग्री के उपर काम नहीं किया जा रहा है। जिससे शहर के मेट्रो का तक काम दोपहर को बंद रखा जा रहा है। इधर जानवरों को भरी दोपहर में काम कराया जा रहा है। जिसकी सुध लेते हुए कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। कार्रवाई भंडारा रोड़ पर दोपहर 1.30 बजे की गई। जब बैलगाड़ियों में क्षमता से ज्यादा लकड़ियां भरकर बैलों के भरोसे खींचा जा रहा था। हेड कॉनस्टेबल ईश्वर पोद्दार, असिस्टेंट सब इन्पेक्टर राजकुमार उपाध्याय ने सहयोग किया। 

आए दिन होता है ऐसा  
बताया गया कि भंडारा मार्ग पर कई लकड़ा व्यापारी है। जहां से रोजाना बैलगाड़ियों के भरोसे बड़ी मात्रा में लकड़े का आवागमण किया जाता है। नियमानुसार बैलों के वजन के अनुसार उनसे काम कराना, बैलगाड़ी की स्थिति के अनुसार माल भरना और 37 डिग्री से नीचे तापमान पर काम कराने की मनाही है। बावजूद इसके लगातार इसकी धज्जियां उड़ने से उपरोक्त कार्रवाई को अंजाम दिया गया। बताया गया कि वर्ष 2010 में भी इसी तरह की कार्रवाई की गई थी।

Created On :   11 May 2018 5:27 PM IST

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