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जबलपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पदाधिकारियों ने पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी के एमडी से मुलाकात कर गिनाईं समस्याएँ
विद्युत देयकों में फिक्स व न्यूनतम चार्ज की गणना बढ़ा रही व्यापारियों की परेशानी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना महामारी में लॉकडाउन के समय बंद पड़े होटल, रेस्टॉरेंट, बारात घर, शॉपिंग मॉल, शो रूम सहित औद्योगिक क्षेत्रों को आर्थिक हानि हुई है, ऐसे व्यापार स्वयं को घाटे से उबारने प्रयास कर रहे हैं, लेकिन विद्युत देयकों में फिक्स व न्यूनतम चार्ज की गणना व्यापारियों की परेशानियाँ बढ़ा रही है। इस महामारी के समय व्यापारी वर्ग को कम से कम 6 माह तक फिक्स व न्यूनतम चार्ज में छूट दी जाना चाहिए तथा वास्तविक रीडिंग पर ही विद्युत शुल्क लिया जाए। उक्त माँग जबलपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी व्हीकिरण गोपाल से की। इस दौरान अनेक समस्याएँ गिनाते हुए उसके निराकरण की माँग की।
इस अवसर पर चेंबर के प्रेम दुबे ने बताया कि संकट में पड़े उद्योगों को राहत दिलाने पिछले वर्ष अप्रैल 2020 से अभी तक विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जो विद्युत देयक राशि ली गई है उसकी गणना वास्तविक खपत के आधार पर की जाए तथा बची हुई शेष राशि को उपभोक्ता के आने वाले दिनों में समायोजित कर दी जाए। चेंबर के हिमांशु खरे ने बताया कि प्रदेश सरकार ने हाल ही में पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित होने वाले दवाइयों के क्लस्टर में 3.50 पैसे प्रति यूनिट की दर से विद्युत प्रदाय करने का प्रस्ताव रखा है वहीं जबलपुर व अन्य क्षेत्रों में आज भी उद्योग-व्यापार जगत लगभग तीन गुना दर पर विद्युत दर का भुगतान करने मजबूर एवं बेबस है। प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर को कम दर पर विद्युत प्रदाय की जाना चाहिए तथा विद्युत दरों में असमानताओं को समाप्त करना चाहिए।
चेंबर के पंकज माहेश्वरी व मनेरी संघ के रवि गुप्ता, अमरप्रीत छाबड़ा, अनिल गोयल ने बताया कि मनेरी औद्योगिक क्षेत्र में कई वृहद, मध्यम व लघु उद्योग कार्यरत हैं। इस क्षेत्र में मेंटेनेंस या रख रखाव के अभाव में 11 केवी के एलटी उपभोक्ताओं को बिजली ट्रिपिंग एवं पॉवरकट से आए दिन जूझना पड़ रहा है।
Created On :   26 Jun 2021 4:53 PM IST