- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- महाराष्ट्र में शुरू होगा जेल...
महाराष्ट्र में शुरू होगा जेल पर्यटन, नागपुर कारागार भी हो सकता है शामिल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जेल पर्यटन, सुनने में यह भले ही अजीब लगे, लेकिन प्रदेश में यह हकीकत बनने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र की कुछ ऐतिहासिक जेलों में "प्रिजन टूरिज्म" यानी जेल पर्यटन सेंटर खुलेगा। नागपुर का सेंट्रल जेल भी इस टूरिज्म का हिस्सा हो सकता है। पायलट प्रोजेक्ट की तैयारी शुरू है। जेल व सुधार सेवा विभाग की ओर से राज्य की 12 ऐतिहासिक जेलों का प्राथमिक स्तर पर चयन किया जाने वाला है। जेल व सुधार सेवा विभाग के अतिरिक्त पुलिस महासंचालक सुनील रामानंद नागपुर के सेंट्रल जेल का तीन बार दौरा कर चुके हैं। पिछले दिनों जब वह अपनी पुस्तक के विमोचन के लिए नागपुर आए थे, तब भी वह सेंट्रल जेल में गए थे। उन्होंने जेल अधीक्षक अनूप कुमरे से कई एेतिहासिक जानकारी हासिल की थी। बता दें कि नागपुर की सेंट्रल जेल की गणना भी एेतिहासिक जेल के रूप में होती है। वर्ष 1864 में बनी यहां की सेंट्रल जेल में कई लोगों को फांसी दी जा चुकी है।
अंग्रेजी हूकुमत के समय देश भर में जेलें बनाई गईं थी, जहां आजादी के दीवानों को बंद रखा जाता था। येरवडा जेल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, नाशिक जेल में साने गुरुजी, रत्नागिरी जेल में वीर सावरकर सहित कई महान क्रांतिकारियों को बंद रखा गया था। जेल में उनका वक्त कैसे बीतता था, वे क्या -क्या करते थे जैसी जानकारियां अब आम आदमी को "जेल टूरिज्म" सेंटर में मिलेगी।
सुनील रामानंद पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य में चयनित जेलों का दौरा कर एेतिहासिक जानकारी जुटा रहे हैं। जिन जेलों में बालकनी नहीं है, वहां दर्शक दीर्घा तैयार किया जाएगा। इसके लिए बाकायदा टिकट शुल्क भी रखा जाएगा। जेल परिसर में ही संग्रहालय व लाइब्रेरी भी बनेगी, जहां पर देश के महान क्रांतिकारियों व स्वतंत्रता सेनानियों के ‘जेल सफर’ की विस्तृत जानकारी मिल पाएगी।
कई बाताें पर हुई चर्चा
अनूप कुमरे, अधीक्षक के मुताबिक जेल व सुधार सेवा विभाग के अतिरिक्त पुलिस महासंचालक सुनील रामानंद नागपुर सेंट्रल जेल में आए थे। कुछ एेतिहासिक जानकारियों के बारे में चर्चा साझा की गई थीं।
Created On :   4 Oct 2020 3:54 PM IST