कुदरत की मार से भी नहीं हारा जाकिर पाशा, बिना हाथों के ही लड़ रहा जिंदगी की जंग

Jakir pasha is an example for everyone, working with no hands
कुदरत की मार से भी नहीं हारा जाकिर पाशा, बिना हाथों के ही लड़ रहा जिंदगी की जंग
कुदरत की मार से भी नहीं हारा जाकिर पाशा, बिना हाथों के ही लड़ रहा जिंदगी की जंग

डिजिटल डेस्क, आसिफबाद। अगर दिल में हिम्मत और जुनून हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। कुमरमभीम आसिफबाद जिला केंद्र के सिरपुर कागज नगर के 23 वर्षीय अशक्त जाकिर पाशा के हुनर में यही देखने को मिला। जाकिर पाशा के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं हैं। बावजूद इसके वह बहुत से जरूरी काम बहुत आसानी से कर लेता है जो एक आम इंसान दोनों हाथों के सहारे करता है। जाकिर पाशा सिरपुर कागज नगर के सीता पति रोड पर रहता है। जाकिर पाशा के पिता का नाम बाबा है उनके पिताजी ऑटो चलाते हैं। जाकिर पिता का इकलौता बेटा है। जाकिर पाशा को 3 बहनें हैं। जाकिर ने अपनी पढ़ाई सिरपुर कागजनगर बाल विद्या मंदिर हाई स्कूल हिंदी मीडियम में की है।

जाकिर पाशा अपने सारे काम खुद करता है। खुद कॉलेज के लिए तैयार होना, खाना खाना आदि काम करता है। जाकिर पाशा की इस कोशिश के बाद उसके माता-पिता भी गर्व से कहते हैं कि उनका बेटा उन पर बोझ नहीं है। जाकिर पाशा को इस लायक बनाने में परिवार ने हर संभव प्रयास किया। और आज हालात ये हैं कि जाकिर पाशा को अपने हाथ नहीं होने का कोई गम नहीं है। 

घर के कामों में बंटाता है परिवार का हाथ
जाकिर पाशा की बहन जिन्नत भानु कहती हैं कि कॉलेज जाने से पहले जाकिर पाशा घर के सभी जरुरी कामों में परिवार का हाथ बंटाता है। बहन तबस्सुम बताती है कि उसका भाई जाकिर पाशा स्वयं अपने हाथ रूपी पैरों से खाना खाता है। और उसकी बहन हरसीन भानु बताती है कि हमें पढ़ाई कराने में भी जाकिर पाशा मदद करता है। जाकिर पाशा  पेंटिंग, बाइक राइडिंग और टाइपिंग मैं माहिर है।

"सरकार की ओर से नहीं मिल रही कोई सहायता"
फिलहाल परिवार को जाकिर पाशा को लेकर मलाल है कि उसे अशक्त के तौर पर सरकार की ओर से किसी योजना के तहत सहायता नहीं मिली। जाकिर पाशा ने कंप्यूटर में पीजीडीसीए और टैली कोर्स किया है और टाइपिंग मशीन में शॉर्ट हैंड किया है। जाकिर पाशा ने कई बार सरकारी नौकरी के लिए संबंधित अधिकारियों से अप्लाई की, लेकिन अधिकारियों ने अनदेखी करके अभी तक उसे नौकरी नहीं मिल पा रही है। जाकिर पाशा का कहना है कि उसके पिताजी पर ही परिवार का बोझ पढ़ रहा है, क्योंकि उसके पिता सिर्फ ऑटो चला कर ही परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं, जिससे आर्थिक परिस्थितियों से जूझना पढ़ रहा है। जाकिर पाशा ने मांग की है कि उसके परिवार की आर्थिक परिस्थितियां ठीक नहीं होने के कारण उसे भी सरकारी किसी भी प्रकार की नौकरी दी जाए जिससे उसके परिवार मैं पालन पोषण में उसका सहयोग मिलेगा।जाकिर ने लोगों से आर्थिक सहायता के लिए अपील की है अगर किसी को सहायता करनी हो तो इस मोबाइल पर फोन करके जानकारी लेने की बात बताई।

Created On :   17 April 2019 10:40 AM GMT

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