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तिब्बत की आजादी के लिए नागपुर पहुंची जनजागरण यात्रा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वर्षों से गुलामी में जकड़े तिब्बत को आजाद कराने के लिए समर्थन जुटाने के लिए भारत में जनजागरण यात्रा निकाली जा रही है। यह यात्रा नागपुर भी पहुंची अभियान को यहां के लोगों ने अच्छा प्रतिसाद दिया। उल्लेखनीय है कि तिब्बत एक आजाद देश था। विस्तारवादी चीन ने बलप्रयोग कर कब्जा जमा लिया, जो मानवाधिकार के विरुद्ध है। तिब्बती युवा कांग्रेस की प्रतिनिधि टबांग डोलमा ने कहा कि तिब्बत की जनता आजादी चाहती है। इसे भारत का समर्थन जुटाने के लिए राष्ट्रस्तरीय जनजागरण अभियान शुरू किया गया है। जनजागरण यात्रा पर नागपुर पहुंची डोलमा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर 10 दिसंबर से धर्मशाला, सिलिगुड़ तथा चेन्नई से अभियान की शुरुआत की गई है। एक महीना चलने वाले इस अभियान में भारत के 150 शहरों में जनजागरण कर समर्थन जुटाने का प्रयास किया जाएगा। उन्इहोंने स दौरान रैली, पत्र परिषद, जनजागरण पर्चों का वितरण तथा हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।
भारत की सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण
डोलमा ने कहा कि तिब्बत की आजादी भारत की सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। भारत आैर तिब्बत की सीमा एक-दूसरे से सटी है। दोनों देशों की सीमा को चीन ने कब्जे में कर तनावपूर्ण स्थिति को पैदा किया है। भारत और चीन के बीच गत दिनों उपजा डोकलाम विवाद इसी का नतीजा है। तिब्बत अाजाद होने से भारत की सुरक्षा को इसका फायदा होगा। तिब्बत में चीन द्वारा परमाणु अवशिष्टों का संग्रहण, सिंधु, सतलुज तथा ब्रह्मपुत्रा नदियों पर बांध का निर्माण कर नदियों की दिशा परिवर्तन करने, वनों की अंधाधुंध कटाई कर भारत को नुकसान पहुंचाने की करतूत चीन कर रहा है। इसे बचाने के लिए तिब्बत की आजादी के समर्थन में भारत के जनप्रतिनिधियों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाने का अाग्रह किया जा रहा है। पत्र परिषद में राष्ट्रीय संयोजक अशोक मेंढे, संगइक सुरेंद्र कुमार, विजय केवलरामानी, तिब्बत यूथ कांग्रेस के प्रतिनिधि पेम्पा थ्रिंग, लामा टेम्पा, अरविंद निकोसे प्रमुखता से उपस्थित थे।

Created On :   27 Dec 2017 1:06 PM IST