देश-दुनिया में अपनी महक बिखेरेगा सिवनी जिले का जीराशंकर चावल

Jeerashankar rice of Seoni district will spread its fragrance in the country and the world
देश-दुनिया में अपनी महक बिखेरेगा सिवनी जिले का जीराशंकर चावल
देश-दुनिया में अपनी महक बिखेरेगा सिवनी जिले का जीराशंकर चावल

राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने के लिए जिला प्रशासन कर रहा है प्रयास
डिजिटल डेस्क सिवनी ।
जिले की पहचान जीराशंकर चावल को अब देश दुनिया में स्थापित करने के लिए प्रशासन ने तैयारियां शुरु कर दी हैं। इसके लिए एक विशेष दल का गठन किया गया है। इसके लिए आठ कृषक उत्पादक संगठन का गठन किया गया है। साथ ही जीआई टैग प्राप्त करने की कोशिश भी की जा रही है। जीराशंकर चावल जिसकी सुगंध हर किसी को अपनी ओर खींच रही है जीराशंकर चावल को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा जीराशंकर चावल को एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत कृषक उत्पादक संगठन का निर्माण कर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही रिसोर्ट आदि में इसे अतिथियों को परोसने के साथ-साथ महानगरों में विक्रय आदि कर प्रमोशन किया जाना शामिल है।
यह है चावल की विशेषता
सिवनी के इस सुगंधित जीराशंकर चावल की कई विशेषताएं हैं। यह मध्यप्रदेश के सिवनी जिले का पारंपरिक चावल है जिसका अनूठा स्वाद, सुगंध और कोमलता आसानी से अपनी ओर आकर्षित करती है। इसके दाने जीरा की तरह अत्यंत छोटे हैं। पका चावल मुलायम होता है और ठंडा होने के बाद चमकदार रहता है। इसका स्वाद काफी अच्छा है।  सुगंधित मिठासयुक्त और मुलायम होने के कारण व्यापक रूप से प्रचलित है।
प्रशासन कर रहा है प्रयास
प्रशासन ने जिले की पहचान को स्थापित करने के लिए  जिले में आठ कृषक उत्पादक संगठन (एफ.पीओ) का निर्माण किया गया है। जीराशंकर धान का जीआई टैग प्राप्त करने के लिए सिवनी जीराशंकर उत्पादक संगठन का पंजीयन किया जा चुका है। इसका स्व-सहायता समूह के माध्यम से विक्रय किया जा रहा है। साथ ही पेंच नेशनल पार्क तथा कान्हा नेशनल पार्क के होटलों एवं रिसोर्ट में जीराशंकर बिरयानी एवं खीर की विशेष डिश बनाई जा रही है। इसके अलावा आंॅनलाइन डिजीटल प्लेटफार्म अमेजान एवं फिलपकार्ट के माध्यम से विक्रय किया जा रहा है। जिनके द्वारा जीराशंकर के उत्पादन वितरण जिले के समीप स्थित जिले नागपुर, जबलपुर, छिंदवाड़ा जैसे जिलों में संस्थाओं से सम्पर्क स्थापित कर किया जाएगा। जिले में स्व सहायता समूहों द्वारा एवं उनके उन्नतशील कृषकों द्वारा अपने संस्थानों से जीराशंकर चावल का वितरण किया जाएगा।
एक जिला एक उत्पाद के तहत चयन
जिले में कलेक्टर राहुल हरिदास फटिंग के नेतृत्व में जीराशंकर धान का चयन एक जिला एक उत्पाद के तहत किया गया है। जीराशंकर धान जिले में 12000 हेक्टेयर में लगाई जाती है। जिले में सभी आठ विकासखण्डों में जीराशंकर धान बोई जाती है। खासतौर पर बरघाट के काचना, मोहगांव, मंडी, जैवनारा, ताखला एवं विकासखण्ड कुरई के गोडेगांव, सुकतरा, मोहगांव सड़क में विशेष तौर पर बोई जाती है।
ये बनाए गए हैं संगठन
एक जिला एक उत्पाद के क्रियान्वयन जिले में आठ नवीन कृषक उत्पादक संगठनों का निर्माण एवं गठन के लिए संचालनालय भोपाल को पत्र प्रेषित किया गया है। ये संगठन श्री अन्नपूर्णा कृषक उत्पादन संगठन, श्री बलराम कृषक उत्पादक संगठन, ओम श्री मां फार्मर प्रोडयूसर कंपनी लिमिटेड उत्पादक संगठन, गंगाजी कृषक उत्पादक संगठन,  हीरामणी  कृषक उत्पादक संगठन,  बंधानी सीताफल कृषक उत्पादक संगठन, जीराशंकर कृषक उत्पादक संगठन, मोगली कृषक उत्पादक संगठन हैं।
जीआई टैग के लिए भी प्रयास जारी
जीराशंकर धान के जीआई टेग करने हेतु सिवनी जीराशंकर सहकारी समिति बरघाट का पंजीयन किया जा चुका है। भौगोलिक संकेत क्षेत्र में जीराशंकर उत्पादन के गुणवत्ता के निरीक्षण एवं निगरानी हेतु  जिला स्तरीय दल गठित किया गया है। इसके अतिरिक्त  जीराशंकर धान का भौगोलिक संकेत क्षेत्र का पंजीयन कराए जाने हेतु निर्देशक राष्ट्रीय पादप आनुंवशिक संसाधन ब्यूरो पूसा कैम्पस नई दिल्ली को पत्र लिखा गया है। इसके अलावा सरेखा एग्री प्रोडियूसर कंपनी गंगेरूआ एवं पोनार फार्म प्रोडयूसर कंपनी पोनार का भी बरघाट क्षेत्र में गठन कर पंजीयन किया जा चुका है।

Created On :   25 Jan 2021 6:00 PM IST

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