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समाज के लिए आदर्श होता है संयुक्त परिवार
डिजिटल डेस्क, अमरावती। हमारा परिवार कई पीढ़ियों से संयुक्त परिवार में रहता आया है। दादाजी खेती करते थे। उस समय भी चांदुर बाजार तहसील के करजगांव में हमारा संपूर्ण परिवार एकजुट रहता था। एकसाथ रहने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। संयुक्त परिवार समाज के लिए आदर्श होता है। यह कहना है अमरावती शहर के चिलम छावनी निवासी 60 वर्षीय प्रभाकरराव तायडे का।
आपकी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण वह कौन-सा पल था, जिसमें आपने सफलता पायी और वह किस तरह अपने आनेवाली पीढ़ी का मार्गदर्शन कर सकता है?
जीवन की शुरुआत चांदुर बाजार तहसील के करजगांव से हुई। वहां मेरे पिताजी परिवार के बुजुर्गों के साथ खेती किया करते थे। मैं भी दादाजी व पिताजी के साथ कई बार खेती में हाथ बटाता था। पिताजी ने मुझे अच्छी शिक्षा दिलवायी। जिसके बाद मेरा चयन वनविभाग के मुख्य कार्यालय में चपरासी के पद पर हुआ।
आपने जो अपनी विरासत संजोई है और जिंदगी में जो अनुभव प्राप्त किए है, वे किस तरह भविष्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते है?
परिवार ही मेरी असली विरासत है। आज दोनों बेटे एकसाथ रहते हैं और अब हम साथ में मिलकर खेती के व्यवसाय को ही आगे बढ़ा रहे हैं। छोटा बेटा किराना दुकान चलाता है। जबकि बड़ा बेटा चिखलदरा में खेती कर रहा है।
अपने शहर, समाज और देश के लिए अब क्या करना चाहते है और यह भी बताइए कि आज की पीढ़ी को क्या करने की जरूरत है?
जीवन में आगे बढ़ने का मौका मिलने पर कभी उसे गंवाना नहीं चाहिए। युवाओं को सफलता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करना चाहिए। तभी वे देश व समाज के विकास में अपना योगदान दे सकेंगे।
Created On :   14 Feb 2022 7:43 PM IST