विदर्भ के लिए बनेगी संयुक्त कृति समिति, जनांदोलन की तैयारी

Joint work committee will be formed for Vidarbha, preparation for mass movement
विदर्भ के लिए बनेगी संयुक्त कृति समिति, जनांदोलन की तैयारी
बड़ा रणनीति विदर्भ के लिए बनेगी संयुक्त कृति समिति, जनांदोलन की तैयारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर. विदर्भ राज्य निर्माण की मांग के साथ संयुक्त कृति समिति बनाई जाएगी। राजनीतिक कार्यकर्ताओं की सहभागिता में यह समिति पूरी तरह से गैर-राजनीतिक रखी जाएगी। समिति में विदर्भ की सभी ग्राम पंचायतों से प्रतिनिधि शामिल किए जाएंगे। विदर्भ राज्य निर्माण के लिए नए सिरे से जनांदोलन तैयार किया जाएगा। जाने-माने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को विदर्भवादियों से चर्चा के बाद यह सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि विदर्भ राज्य निर्माण के आंदोलन के लिए सामाजिक सहयोग की आवश्यकता है। विदर्भ राज्य निर्माण कठिन नहीं है। अब तक इस आंदोलन को राजनीतिक नेतृत्व व सहयोग मिलता रहा है, लेकिन अब इसे सामाजिक नेतृत्व दिया जाएगा। प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि विदर्भ राज्य निर्माण की मांग अनुचित नहीं है। विकास के मामले में नागपुर को छोड़ दिया जाए, तो विदर्भ की स्थिति बिहार के समान है।

बाहर का नेतृत्व नहीं

प्रशांत किशोर ने कहा कि विदर्भ आंदोलन को बाहर का व्यक्ति नेतृत्व नहीं दे सकता है। यहां के नागरिक ही इस आंदोलन को सफल बनाएंगे। 2-3 माह में आंदोलन की आरंभिक रूपरेखा तैयार करना होगा। तैयारी ऐसी हो कि जून 2023 तक यह आंदोलन प्रभाव दिखाने लगे। इसे लिए सबसे पहले 50 लोगों का कार्यकारी समूह बनाना होगा। संयुक्त कृति समिति किसी व्यक्ति, दल या परिवार की नहीं होना चाहिए। कई राज्योें मेें चुनाव रणनीतिकार रहे प्रशांत किशाेर ने यह भी कहा कि अब वे चुनाव रणनीति का कार्य नहीं करते हैं। 2 मई 2021 को ही इस संबंध में घोषणा कर चुके है। 10 वर्ष में उन्होंने अनुभव पाया है कि रणनीतिक प्रयासों से राज्यों की सत्ता तो बदल जाती है, लेकिन व्यवस्था नहीं बदल पाती है। उन्होंने अपना पूरा ध्यान बिहार में लोकतांत्रिक दल तैयार करने में लगा रखा है। लेकिन विदर्भ राज्य निर्माण के विषय पर विचार करने के बाद वे इस कार्य के लिए स्वयं को समर्पित करना चाहते हैं। 4 माह तक औपचारिक जानकारियां जुटाने के बाद वे विदर्भ राज्य निर्माण के आंदोलन को गति व दिशा देने के लिए नागपुर आए हैं। चिटणवीस सेंटर में मंगलवार को चर्चा सभा में पूर्व विधायक आशीष देशमुख, नितीन रोंघे, नितीन मोहोड, मुकेश समर्थ, विजय जावंधिया, राजीव जगताप, दिलीप नरवडिया, हरीश इथापे सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

सवालों पर जवाब

केवल युवा के भरोसे किसी भी आंदोलन को सफल नहीं बनाया जा सकता है। पुराने व अनुभवी कार्यकर्ताओं का सुझाव व सहयोग भी आवश्यक है। विदर्भ के नाम पर 10 सांसद जीत जी जाए ताे राज्य निर्माण नहीं होगा। इसके लिए नियोजित कार्ययोजना पर काम करना होगा। विदर्भ की ढाई करोड़ जनता को इस आंदोलन में शामिल करना होगा। जोश दिखाएं, लेकिन हिंसा से बचें। आंदोलन के लिए किसी तिथि व स्थल की सीमा नहीं रहना चाहिए।

राजनीतिक विषय पर बहस

सवाल-जवाब के समय राजनीतिक विषय पर बहस होने लगी। कुछ कार्यकर्ता जोरों से बात करने लगे। नारे लगाने लगे। एक कार्यकर्ता ने कहा कि विदर्भ आंदोलन से केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी का संबंध रहा है, लेकिन वे इस मामले में कार्यकर्ताओं से चर्चा करने के बजाय उन्हें पुलिस के माध्यम से बाहर करने लगे हैं। गडकरी जैसे नेताओं से भी नए सिरे से चर्चा करनी चाहिए। राजेश काकडे नामक कार्यकर्ता ने जिला परिषद क्षेत्र में विकास के मामले के साथ किसानों को विदर्भ आंदोलन से जोड़ने काे कहा। उन्होंने विकास कार्यों पर सवाला उठाए तो शाेर-शराबा होने लगा। डोमा सावजी ने कहा-नागपुर के लोग मुंह लगते हैं लेकिन दिल के साफ हैं। यहां लता मंगेशकर, रामदेवबाबा को भी कहना पड़ा था कि वे सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए नहीं आएंगे, लेकिन प्रशांत किशोर ऐसा नहीं करेंगे।


 

Created On :   20 Sept 2022 8:33 PM IST

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