वकीलों के आंदोलन के पहले ही जज का तबादला

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वर्धा वकीलों के आंदोलन के पहले ही जज का तबादला

डिजिटल डेस्क, वर्धा. स्थानीय जिला व सत्र न्यायालय की न्यायाधीश की कार्यप्रणाली के कारण वकील व पक्षकारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इसके कारण उनका तबादला करने की मांग वर्धा वकील संघ की ओर से मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की ओर की गई थी। अन्यथा 11 अक्टूबर को सत्याग्रह आंदोलन करने की चेतावनी दी है। इसके कारण जिला व सत्र न्यायालय की न्यायाधीश मोनिका आरलैंड का मुंबई तबादला किया गया है। वहां वे रजिस्ट्रार के रूप में सेवा देगी। वर्धा जिला न्यायालय में कार्यरत रहते समय न्यायाधीश मोनिका आरलैंड ने कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए, लेकिन उनकी कार्यप्रणाली पर वकील संघ ने सवाल खड़े किए थे। इसके कारण 11 जुलाई को प्रस्ताव पारित कर उन पर कार्रवाई करने की मांग वकील संघ की ओर से की गई थी। अन्यथा 11 अक्टूबर से वर्धा जिला न्यायालय परिसर में सत्याग्रह आंदोलन करने की चेतावनी दी थी। इसके कारण 7 अक्टूबर को आदेश पारित कर न्यायाधीश मोनिका आरलैंड का मुंबई तबादला किया गया है। 

न्यायाधीश शिंदे व अदोने संभालेंगे जिम्मेदारी : न्यायाधीश मोनिका आरलैंड का तबादला होने के कारण न्यायाधीश एक के पद की जिम्मेदारी एन.बी. शिंदे को सौंपी जाएगी तथा न्यायाधीश दो इस पद की जिम्मेदारी न्यायाधीश आर.वी. अदोने को दी गई है। इस संबंध में जिला व सत्र न्यायालय प्रशासन को आदेश जारी किए गए हैं। 

मिली थीं अनेक शिकायतें 

महेंद्र धृव, अध्यक्ष, बार एसो के मुताबिक न्यायाधीश मोनिका आरलैंड का वकील व पक्षकारों के साथ बर्ताव ठीक नहीं होने की कई शिकायतें आई थी। वह दो वकीलों में विवाद खड़ा करती थी। इसके कारण वर्धा वकील संघ की ओर से वर्धा के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक जज, उच्च न्यायालय के वर्धा के गार्डियन जज, उच्च न्यायालय के एडमिनिस्ट्रेटिव जज तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को ज्ञापन सौंपकर योग्य कार्रवाी करने की मांग की थी। अन्यथा आंदोलन की चेतावनी दी थी, लेकिन इसके पहले ही न्यायाधीश आरलैंड का तबादला हो गया।

 

Created On :   10 Oct 2022 7:55 PM IST

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