चाचा शरद की बदनामी से दुखी होकर दिया इस्तीफा, भावुक हुए जूनियर पवार, नम हुई आंखे

Junior Pawar became emotional, eyes moistened on allegations
चाचा शरद की बदनामी से दुखी होकर दिया इस्तीफा, भावुक हुए जूनियर पवार, नम हुई आंखे
चाचा शरद की बदनामी से दुखी होकर दिया इस्तीफा, भावुक हुए जूनियर पवार, नम हुई आंखे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने कहा है कि उनके इस्तीफे का कारण गृह कलह नहीं है। सहकारी बैंक घोटाले में चाचा शरद पवार का नाम आने के चलते हुई उनकी बदनाम के कारण विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया। शनिवार को राकांपा अध्यक्ष पवार के साथ ढाई घंटे चली बैठक के बाद अजित ने प्रेस कांफ्रेस को संबोधित किया। यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में पत्रकारों से बातचीत में अजित ने कहा कि इस्तीफा देने के बाद आज जब मेरी पवार साहब से मुलाकात हुई तो मैं उनसे नजरें नहीं मिला सका। अजित ने कहा कि मेरे परिवार में कोई विवाद नहीं है। परिवार के लिए पवार साहब के शब्द अंतिम होते हैं। इस दौरान अजित भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू आ गए। विधानसभा चुनाव लड़ने की बाबत पूछे जाने पर अजित ने कहा कि इस बारे में पार्टी फैसला करेगी। अजित ने कहा कि जिस पार्टी ने मुझे इतना मान सम्मान दिया उसके खिलाफ कुछ करने के बारे में सोच भी नहीं सकता। अजित ने राकांपा छोड़ने की संभावना से इंकार करते हुए कहा कि इस्तीफा देना सही था अथवा गलत मुझे नहीं पता। लेकिन मेरे इस्तीफे से पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं को दुख हुआ। इसके लिए मैं पवार साहब, प्रदेश राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटील सहित अन्य नेताओं-कार्यकर्ता से माफी मांगता हूं। अजित ने कहा कि मैंने इस्तीफा देने की बात किसी को इस लिए नहीं बताई थी क्योंकि यदि मैं ऐसा करता तो मुझे इस्तीफा देने नहीं दिया जाता। 

घोटाले का आरोप गलत

सरकारी बैंक घोटाले के आरोपों को बेबुनियाद बताते अजित ने कहा कि इस मामले को लेकर पवार साहब की जो बदनामी हुई उससे व्यथित होकर मैंने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि बार-बार हमारे ऊपर हजारों करोड़ रुपए के घोटाले के बेबुनियाद आरोप लगते हैं। आखिर हमारी भी भावना है। हमें भी बुरा लगता है। अजित ने कहा कि सहकारी बैंक की कुल पूंजी 10 हजार करोड़ की है तो 25 हजार करोड़ का घोटाला कैसे हो सकता है। आज भी ये बैंक 285 करोड़ के लाभ में हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण से शरद पवार का कोई संबंध नहीं है। वे सहकारी बैंको में निदेशक भी नहीं हैं, कुछ जगहों पर सभासद हैं। इसके बावजूद उनका नाम इस मामले से जोड़ दिया गया। 
 

Created On :   28 Sep 2019 11:56 AM GMT

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