जिन्हें समझते हैं ताजी, कचरे से बीनकर लायी जाती हैं वही सब्जियां

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जिन्हें समझते हैं ताजी, कचरे से बीनकर लायी जाती हैं वही सब्जियां

कुणाल जायस्वाल, नागपुर. कलमना बाजार तक पहुंचते-पहुंचते कुछ सब्जियां खराब हो जाती हैं। ऐसे में इन्हें वहीं कचरे के ढेर में फेंक दिया जाता है। कचरे के ढेर से चुनकर इन्हीं सब्जियों को कुछ फुटकर विक्रेता ले जाते हैं और बेचते हैं। यही सब्जियां रसाेई घरों तक पहुंच रही हैं। दैनिक भास्कर की पड़ताल में यही तस्वीर सामने आई है। कलमना बाजार परिसर में यह नजारा आम है। आर्थिक रूप से कमजोर लोग सस्ता समझकर इन्हीं सब्जियों की खरीदारी भी कर लेते हैं, परंतु यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ऐसा लगातार चलता रहा तो पेट की बीमारी लपेटे में ले लेगी और गैस्ट्रो से संबंधित बीमारियां होना तय है। इसलिए सब्जी की खरीदारी में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

मंडी में फैली गंदगी
पहली ही बारिश में कलमना मंडी में गंदगी फैल गई है। गंदगी के कारण जगह-जगह सड़ांध भभक मार रही है। इससे उधर से गुजरना भी मुश्किल हो रहा है। सबसे ज्यादा गंदगी सब्जी बाजार में है। बाजार में जगह-जगह कीचड़ और सड़ी हुई सब्जियां पड़ी हैं। इन सब्जियों की बदबू के कारण बाजार में खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा है। हाल ही में हुई बारिश के कारण तो यहां के हाल और खराब हो गए। बाजार का कचरा और गंदगी को साफ करने की जिम्मेदारी बाजार समिति की है, लेकिन समिति की ओर से इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है। व्यापारी भी शिकायत करके परेशान हैं। आलू-प्याज मार्केट का भी कमोबेश यही हाल है। व्यापारी माल छांटकर एक कोने में फेंक देते हैं। सड़े हुए आलू, प्याज की बदबू के कारण यहां के लोगों को बहुत परेशानी होती है।

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कई राज्यों से आता है माल
थोक व्यापारियों के पास ट्रकों से सब्जियों, फलों, अनाज आदि की आवक होती है। यह सामग्री अन्य राज्यों से कई िदनों का सफर तय करने के बाद मंडी में पहुंचती हैं। रास्ते में ही काफी माल खराब भी हो जाता है, तो कुछ इस्तेमाल लायक भी नहीं रहता। व्यापारी इन्हें छांटकर बाहर फेंक देते हैं। फेंकी हुई इन सब्जियों को चुनकर बाजार में बेचा जा रहा है। खरीदनेवालों को तो पता ही नहीं होता कि विक्रेता वह माल कहां से लाता है।

शौचालयों की साफ-सफाई नहीं
बारिश में बदबू की समस्या बढ़ जाती है। हर ओर कीचड़ और सड़ी हुई सब्जियां पड़ी हैं। ऐसे में हालात क्या होंगे, सहज ही समझा जा सकता है। बाजार समिति में आढ़तिया, व्यापारियों और किसानों के लिए बनाए गए शौचालयों के हाल तो इससे भी बदतर हैं। लोग इन शौचालयों में जाने से बेहतर बाहरी भाग में शौच करना पसंद करते हैं। कई शौचालयों में तो कबाड़ सामान भरा पड़ा है। वर्षों से इनकी मरम्मत नहीं की गई है। छतों से पानी टपकता है। इसी गंदगी के बीच सब्जियां पड़ी रहती हैं।

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गैस्ट्रो की आशंका
ऐसी सब्जियों के सेवन से गैस्ट्रो, पेचिश, डायरिया जैसी पेट से संबंधित बीमारियां होने की आशंका रहती है। बरसात में अधिकतर गंदे पानी में धुली सब्जियां मिलती हैं। ऐसे में इन्हें घर पर साफ पानी से अच्छी तरह से धोकर ही प्रयोग में लाना चाहिए। -डाॅ. रवींद्र सावरकर, जनरल फिजिशियन, राधाकृष्ण अस्पताल

गंदगी से हम भी परेशान
बाजार समिति का मामला हाईकोर्ट में चल रहा है, जिससे समिति कोई भी नया टेंडर नहीं निकाल सकती है। गंदगी से हम भी बहुत परेशान हैं। -राजेश छाबरानी, संचालक, कृषि उत्पन्न बाजार समिति नियमित नहीं होती सफाई बाजार में नियमित तौर पर साफ-सफाई नहीं होती। पानी निकासी के लिए बनाई गई नालियों की तक सफाई नहीं की गई। इससे बारिश में यहां जलभराव की समस्या बढ़ जाती है। पानी के कारण फ्रूट, अनाज, सब्जी, आलू-प्याज, मिर्च बाजारों में भारी गंदगी फैल चुकी है।

 

Created On :   30 Jun 2017 1:36 PM IST

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