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खरीफ उपार्जन: धान के भुगतान को लेकर भटक रहे हैं किसान
डिजिटल डेस्क, पन्ना। समर्थन मूल्य ई-उपार्जन प्रक्रिया के अंतर्गत किसानों से फसल के उपार्जन के पश्चात सात दिन के अंदर किसानों को भुगतान किए जाने का आदेश है किंतु जिम्मेदारों की लापरवाही और उदासीनता की वजह से किसानों को अपनी उपज जमा करने के बाद लंबे समय तक भुगतान के लिए परेशान होना पड रहा है। खरीफ उपार्जन २०२१-२२ में जिले में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी का कार्य २० जनवरी को समाप्त हो चुका है और खरीदी कार्य सम्पन्न होने के एक पखवाडे के बाद भी पन्ना जिले में किसानों के करोडों रूपए राशि का भुगतान अटका हुआ है और किसान भुगतान पाने के लिए समितियों और बैंक के चक्कर काट रहे हैं। जानकारी के अनुसार पन्ना जिले में खरीफ उपार्जन २०२१-२२ में धान की रिकार्ड १३ लाख ६३ हजार ९०५ क्ंिवटल धान खरीदी गई है। जिसका कुल भुगतान २६४ करोड ५९ लाख ७६ हजार ४५ रूपए देय होता है। जिसके विरूद्ध पन्ना जिले में आज दिनांक ०८ फरवरी २०२२ की स्थिति में कुल २०२ करोड ८० लाख ७९ हजार ५६१ रूपए की राशि का भुगतान हुआ है और ६१ करोड ७८ लाख ९६ हजार ४८४ रूपए की राशि का भुगतान बकाया है। भुगतान न मिलने से हजारेों की संख्या में किसान परेशान हैं। कई किसानों द्वारा उपार्जन के बदले भुगतान में मिलने वाली राशि से अपने कामकाज तय कर रखे हैं। जिनमें पुत्र-पुत्रियों के विवाह भी शामिल हैं। भुगतान नहीं होने की वजह से तय विवाह के लिए आर्थिक समस्या का सामना करना पड रहा है। इसके साथ ही साथ कई किसान ऐसे हैं जिन्होंने खरीफ तथा रबी की फसल के लिए लोगों से उधार में राशि लेकर रखी है। जिसका चुकारा वह नहीं कर पा रहे हैं। बताया जाता है कि पन्ना जिले में समर्थन मूल्य पर उपार्जन कार्य में बडी लापरवाहियां की गईं हैं। जिले में ७१ हजार क्ंिवटल से भी अधिक धान गोदामों तक पहुंचने के बाद रिजेक्ट कर दी गई है। जिसकी पुन: साफ-सफाई करवाने के बाद समितियों द्वारा वापिस गोदामों में जमा करवाने की कार्यवाही की जा रह है। इसके चलते किसानों के भुगतान से संबधित कार्य बडे पैमाने पर प्रभावित हुआ है। आरोप यह भी लग रहे हैं कि परिवहन के साथ ही गोदामों में उपार्जित की गई फसलों की जमा की जाने संबधी प्रक्रिया और समितियों द्वारा भुगतान संबधी कार्यवाही में विलम्ब किए जाने की वजह से बडी संख्या में किसानों का भुगतान लंबित है।
Created On :   9 Feb 2022 1:18 PM IST