Panna News: अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नाम का अस्पताल, मरीजों को रेफर करने की मजबूरी

अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नाम का अस्पताल, मरीजों को रेफर करने की मजबूरी
  • अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नाम का अस्पताल
  • मरीजों को रेफर करने की मजबूरी
  • डॉक्टरों के आठ पद स्वीकृत लेकिन पदस्थ केवल एक

Panna News: अजयगढ़ का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जो क्षेत्र की विशाल आबादी और आसपास के सैकड़ों गांवों की स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ माना जाता है स्वयं ही आईसीयू में है। यहां डॉक्टरों और स्टाफ की भारी कमी ने स्वास्थ्य सेवाओं को पंगु बना दिया है। अस्पताल में आने वाले मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद सीधा जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है जिससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए कुल आठ डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं लेकिन वर्तमान में केवल एक चिकित्सा अधिकारी ही यहां तैनात हैं। यह एक अकेला डॉक्टर इतनी बड़ी आबादी की स्वास्थ्य जरूरतों को कैसे पूरा कर सकता है जाहिर है यह संभव नहीं है। नतीजा यह है कि गंभीर मामलों में मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता और उन्हें 30 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल जाना पड़ता है। स्वीकृत पदों की बात करें तो यहां पर एक निश्चेतना विशेषज्ञ, एक शिशु रोग विशेषज्ञ, एक चिकित्सा विशेषज्ञ, एक स्त्री रोग विशेषज्ञ, एक शल्य क्रिया विशेषज्ञ व तीन चिकित्सा अधिकारियों के पद हैं। इन सभी महत्वपूर्ण पदों में से सिर्फ एक चिकित्सा अधिकारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

विशेषज्ञों की कमी का सीधा असर मरीजों पर पड़ता है। स्त्री रोग विशेषज्ञ के अभाव में गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए दूर जाना पड़ता है जिससे जच्चा-बच्चा दोनों की जान को खतरा बना रहता है। इसी तरह शिशु रोग विशेषज्ञ न होने से बच्चों का सही इलाज नहीं हो पाता। सर्जरी विशेषज्ञ की अनुपस्थिति में छोटे-मोटे ऑपरेशन भी संभव नहीं हैं और मरीजों को मजबूरन रेफर किया जाता है। डॉक्टरों के अलावा अन्य स्टाफ की स्थिति भी दयनीय है। स्टाफ नर्स के छह पद स्वीकृत हैं लेकिन केवल एक नर्स ही कार्यरत है। यह एक नर्स वार्ड से लेकर इमरजेंसी तक के काम को कैसे संभाल सकती हैए यह कल्पना से परे है। रेडियोग्राफर का एक पद भी खाली पड़ा है जिससे एक्स-रे जैसी महत्वपूर्ण जांचें भी नहीं हो पातीं। अजयगढ़ की यह बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था इस क्षेत्र के लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। बीमार होने पर उनके पास कोई विकल्प नहीं बचता। या तो वह लंबी दूरी तय करके जिला अस्पताल जाएं या फिर निजी अस्पतालों का सहारा लें जो अक्सर गरीबों की जेब पर भारी पड़ता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि वह इस समस्या को लेकर कई बार प्रशासन और जन प्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उनका कहना है कि सरकार को इस ओर तत्काल ध्यान देना चाहिए और स्वीकृत पदों पर डॉक्टरों और स्टाफ की नियुक्ति करनी चाहिए। जब तक ऐसा नहीं होताए अजयगढ़ के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा एक सपना ही रहेगी।

इनका कहना है

यह स्वाभाविक है स्टाफ की कमी के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है मेरी कोशिश रहती है कि यहां पहुंचने वाले मरीजों को बेहतर सुविधा मिले। रिक्त पदों की जानकारी पत्राचार के माध्यम से वरिष्ठ कार्यालय को भेजी जाती है यदि स्वीकृत पद पर पद स्थापना हो जाए तो मरीज को परेशान नहीं होना पड़ेगा।

शोभाराम शर्मा, बीएमओ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अजयगढ़

Created On :   8 Aug 2025 1:39 PM IST

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