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किडनी ट्रांसप्लांट मामला , अस्पताल की रद्द कमेटियों से मांगी रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क,मुंबई। किडनी ट्रांसप्लांट व इससे जुड़कर बढ़ते बाजारीकरण को रोकने के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं। जिससे विगत दिनों किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर जिन अस्पतालों की कमेटियों को रद्द किया गया है उन्हें इस संबंध में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। मेडिकल शिक्षा महानिदेशालय के निदेशक डा. प्रवीण शिंगारे ने हलफनामा दायर कर बांबे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी है।
रद्द कमेटियों पर दिया जवाब
शिंगारे ने यह हलफनामा महानगर निवासी सिद्धांत पाल की ओर से दायर याचिका पर अदालत की ओर से दिए गए निर्देश के तहत दायर की है। अदालत ने जानना चाहा था कि सरकार यह कैसे सुनिश्चित करेगी की किडनी प्रत्यारोपण के लिए गठित जिन अस्पताल आधारित कमेटियों को रद्द कर दिया गया है, वे काम न करें? सरकार की तरफ से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि विगत दिनों जिन अस्पतालों में सालाना 25 से कम किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी होती है, ऐसी अस्पतालों की अस्पताल आधारित प्राधिकृत कमेटियों को रद्द कर दिया गया है।
आर्गन डोनेट करने वालों की संख्या बढ़ी
इसके साथ ही इन अस्पतालों से एक रिपोर्ट भी मंगाई गई है। हलफनामे में कहा गया है कि आर्गन डोनेट को लेकर सरकार की ओर से शुरू की गई जागरुकता मुहिम के चलते लोग आर्गन डोनेट के लिए खुद आगे आ रहे हैं। खास तौर से शवों के आर्गन डोनेट में काफी वृध्दि हुई है। आर्गन डोनेट को लेकर सरकार आगे भी अपनी जागरुकता मुहिम को जारी रखेगी। न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति एके मेनन की खंडपीठ ने हलफनामे को रिकार्ड में लेने के बाद मामले की सुनवाई दो सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है। उल्लेखनीय है कि कि विगत दिनों किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर हुए निर्णय पर मेडिकल शिक्षा महानिदेशालय के निदेशक डा. प्रवीण शिंगारे ने भी माना था कि महाराष्ट्र में किडनी और आर्गन पर कुछ लोग बड़े पैमाने पर रैकेट चला रहे हैं ।
Created On :   25 Nov 2017 6:43 PM IST