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कश्मीर से कन्याकुमारी किसान अधिकार यात्रा पहुंची नागपुर, सरकारी नीति का जताया विरोध

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश पर 125 साल करने वाली अंग्रेज सरकार ने भी किसानों से इस तरह टैक्स वसूल नहीं किया। वर्तमान सरकार जीएसटी के नाम पर मनमाना टैक्स वसूल कर रही है। महंगी कार पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है। वहीं किसान खेती के लिए ट्रैक्टर खरीदता है तो 18 प्रतिशत जीएसटी वसूला जा रहा है। कर्ज के बोझ से देश में किसान मौत को गले लगा रहा है। सीमा पर सैनिक शहीद हो रहे हैं। सरकार जुमलेबाजी करने में खुद को धन्य मान रही है। उद्योजकों का 17 लाख करोड़ कर्ज चंद मिनट में माफ कर दिया जाता है और किसानों को कर्जमाफ करने के लिए सरकार की तिजोरी खाली है।
हाल ही में केंद्र सरकार ने कृषि माल का न्यूनतम मूल्य घोषित किया तो आश्वासन पूर्ति किए जाने के ढोल पीटे जा रहे हैं। यह किसानों की आंखों में धूल फेंकने से ज्यादा कुछ नहीं है। कश्मीर से कन्याकुमारी किसान अधिकार यात्रा के नागपुर पहुंचने पर आयोजित सभा में पूर्व सांसद नाना पटोले ने यह बात कही।
नाना पटोले के नेतृत्व में स्वागत
25 जुलाई को कश्मीर से शुरू हुई यात्रा क्रांति दिवस पर सुबह विदर्भ की सीमा में दाखिल हुई। पूर्व सांसद नाना पटोले के नेतृत्व में यात्रा का स्वागत किया गया। नागपुर पहुंचने पर संविधान चौक में जनसभा आयोजित की गई। मंच पर हमीद मलिक, शिवकुमार शर्मा, अभिमन्यु कोहाड, गुरुनाम सिंह चंदूरी, जगजीत सिंह दल्लेवाल, हरपाल सिंह, सतबीर सिंह, ए बजी बिजू, शांत कुमार, राजकुमार गुप्ता, संदीप गिड्डे, लक्ष्मण वंगे, विधायक बच्चू कडू, पुरुषोत्तम खेड़ेकर, एड. मोरेश्वर टेमुर्डे, श्रीकांत तराल, प्रवीण राऊत, धर्मेंद्र सिंह राजपूत आदि विराजमान थे।
ईवीएम पर भी जनजागरण करें
किसानों के अधिकार पर डाका डाल रही सरकार ईवीएम के माध्यम से सत्ता हथिया रही है। इसे रोकने के लिए किसानों के अधिकार के साथ ही ईवीएम पर भी जनजागरण का सुझाव पूर्व सांसद नाना पटोले ने दिया। उन्होंने कहा कि अमीरों से कर वसूल कर गरीबों के लिए कल्याणकारी योजना चलाने का संविधान में प्रावधान है। मोदी सरकार ने जीएसटी लगाकर गरीबों पर भी कर लाद दिया है। गरीब विरोधी नीति अपनाए जाने से देश के सभी वर्ग में सरकार के विरोध में असंतोष है। आजादी के बाद पहली बार देश में ऐसी स्थिति पैदा हुई है।
किसान विरोधी नीति पर जमकर प्रहार
क्रांति दिवस पर कश्मीर से कन्याकुमारी किसान अधिकार यात्रा के नागपुर आगमन पर संविधान चाैक में आयोजित जनसभा में किसान नेताओं ने सरकार की किसान विरोधी नीति पर जमकर प्रहार किए। सरकार से कृषि उत्पादन खर्च से 50 प्रतिशत अधिक दाम घोषित करने की मांग की गई। ताकि कम दाम में खरीदी करने वाले व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। देश के एक हिस्से में आंदोलन कर करने पर दूसरे हिस्से के किसानों का भनक तक नहीं लगती। इसलिए देश के सभी किसानों को एकसूत्र में जोड़ने के लिए 150 से अधिक संगठनों का राष्ट्रीय किसान महासंघ स्थापित कर कश्मीर से कन्याकुमारी किसान अधिकार यात्रा निकाली गई।
Created On :   10 Aug 2018 12:44 PM IST