नाबालिग लड़के का होंठ चूमना धारा 377 का अपराध नहीं - हाईकोर्ट

Kissing the lips of a minor boy is not an offense of unnatural sex (Section 377) - High Court
 नाबालिग लड़के का होंठ चूमना धारा 377 का अपराध नहीं - हाईकोर्ट
आरोपी को राहत  नाबालिग लड़के का होंठ चूमना धारा 377 का अपराध नहीं - हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई, कृष्णा शुक्ला। नाबालिग लड़के के होंठ चूमना भारतीय दंड संहिता की धारा 377 (अप्राकृतिक संबंध) के तहत अपराध नहीं बनता है। बांबे हाईकोर्ट ने नाबालिग के साथ यौन दुर्व्यवहार के आरोप में करीब एक साल से जेल में बंद आरोपी को जमानत देते हुए यह बात कही हैं। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 377, 384, 420 व बाल यौन उत्पीड़न प्रतिबंधक कानून (पाक्सो) की धारा आठ और 12 के तहत मामला दर्ज है। आरोपी के खिलाफ यह मामला पीड़ित लड़के के पिता की ओर से की गई शिकायत के बाद ओशिवरा पुलिस ने दर्ज किया है। पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक एक दिन पीड़ित के पिता की आलमारी से कुछ पैसे गायब थे। पिता ने जब इस बारे में लड़के से पूछा तो उसने बताया कि वह ऑनलाइन गेम खेलता है। उसने पैसे आरोपी को ऑनलाइन गेमिंग एप का रिचार्ज करने के लिए दिया था। इस दौरान पीड़ित ने अपने पिता को बताया कि आरोपी ने उसके साथ यौन दुर्व्यवहार भी किया है। 

न्यायमूर्ति अनूजा प्रभुदेसाई के सामने आरोपी के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति ने मामले से जुड़ी एफआईआर व पीड़ित के बयान पर गौर करने के बाद पाया कि आरोपी पर मुख्य रुप से पीड़ित का होंठ चूमने और प्राइवेट पार्ट को स्पर्श करने का आरोप है, लेकिन प्रथम दृष्या मेरी राय में इससे भारतीय दंड संहिता की धारा 377 (अप्राकृति यौन संबंध) के तहत अपराध नहीं बनता है। जहां तक बात पाक्सों कानून की धारा 8 व 12 के तहत अपराध की ,है तो उसमें अधिकतम पांच साल के कारावास की सजा का प्रावधान है। आरोपी इस मामले में करीब एक साल से जेल में बंद है। प्रकरण को लेकर अब तक आरोपी के खिलाफ आरोप तय नहीं किए गए हैं। भविष्य में तत्काल इस मामले से जुड़े मुकदमे के दिंडोशी कोर्ट में शुरु होने की संभावना नहीं है। इन परिस्थितियों के मद्देनजर आरोपी जमानत पाने का हक रखता है। लिहाजा आरोपी को तीस हजार रुपए के मुचलके पर जमानत प्रदान की जाती है। आरोपी हर दो माह में एक बार पुलिस स्टेशन में सुबह 11 बजे से दो बजे के बीच हाजरी लगाने का निर्देश दिया जाता है। इसके साथ ही आरोपी मामले से जुड़े सबूतों के साथ छेड़छाड न करे और मुकदमे की सुनवाई के दौरान कोर्ट को अपना सहयोग प्रदान करे। 

Created On :   12 May 2022 8:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story