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जानिए, रामनवमी के पर्व आरएसएस के भय्याजी जोशी ने क्या कहा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। वर्तमान परिस्थिति में 10 हजार गांवों में एक लाख स्वयंसेवक सेवा कार्य कर रहे हैं, जिसके माध्यम से लगभग 10 लाख परिवारों तक सहायता पहुंचाई है। आज रामनवमी का पर्व है। और एक भिन्न प्रकार के वातावरण में हम यह पर्व मना रहे हैं। भगवान राम ईश्वर का अवतार थे और सारी आसुरी शक्तियों से संघर्ष करते हुए उन्होंने उस समय, मूल्यों की और मानव समाज की रक्षा की है।
हम एक भिन्न प्रकार के संकट से गुजर रहे हैं। सारे विश्व का मानव समूह इस भयानक संकट से कहीं भयग्रस्त है और कहीं आपदाओं को झेल रहा है.इस समस्या का समाधान शासन और चिकित्सकों के द्वारा दी गई सभी प्रकार की सूचनाओं का पालन करके ही इस संकट से हम सब मुक्त हो सकते हैं।
इस घड़ी में देश भर में सभी स्थानों पर स्वयंसेवक सेवा कार्य में लगे हुए हैं। जैसी-जैसी आवश्यकताएं निर्माण होती हैं, उन आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए देशभर में हजारों लोग सेवाभाव से समाज की इस पीड़ा में समाज के साथ खड़े हुए हैं।
आज लगभग 10हजार स्थानों पर एक लाख से अधिक स्वयंसेवक भिन्न-भिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति (भोजन सामग्री पहुंचाना, चिकित्सालयों में जाकर सेवा देना) करने में लगे हुए हैं।इस योजना के तहत करीब 10लाख परिवारों तक संघ के स्वयंसेवक किसी न किसी माध्यम से पहुंचे हैं
महाराष्ट्र में कई जगहों पर घुमंतू जातियों की बस्तियों में संघ के स्वयंसेवकों ने जाकर उनके लिए भोजन इत्यादि की व्यवस्था करना प्रारंभ किया है।अभी तक एक हज़ार तक स्वयंसेवकों ने रक्तदान करते हुए एक चिकित्सालय की आवश्यकता पूर्ति करने में एक पहल की है।
सुरक्षा में लगे हुए कर्मचारी,स्वास्थ्य सेवा में लगे हुए चिकित्सक,परिचारिकाएं,अन्य कर्मचारी वर्ग रात-दिन मेहनत करके अपने समाज को नियमों का पालन करने में और उनको सुविधाएं उपलब्ध कराने में लगे हैं,ऐसे बंधुओं को भी भोजन, अल्पाहार की व्यवस्था भी स्वयंसेवक कर रहे हैं।
आगामी 2 सप्ताह इसी प्रकार नियमों का पालन करने की स्थिति बनी रही तो मुझे विश्वास है,कि 2 सप्ताह के बाद हम फिर एक बार सामान्य जीवन की ओर अग्रसर हो सकते हैं।आवश्यकता है इन सभी प्रकार के बंधनों का,नियमों का पालन करने का संकल्प हम सब लेकर चलें।
इस घड़ी में सेवा का कोई निश्चित स्वरुप नहीं बनता है।हम अपने आस-पास की परिस्थितियों को देखते हुए, परिस्थिति का आकलन करते हुए, जो-जो भी करने की आवश्यकता है वो करने के लिए स्वयं सिद्ध होते जाएं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ काम करने का एक भाव समाज में आज दिखाई देता है. इसका भी ध्यान रखते हुए, ऐसी सारी शक्तियों को जोड़कर आज की इस घड़ी में हम सब लोग जितना कुछ करना चाहिए, हम उतना करने का प्रयास करें।
यह संकट किस प्रकार का है, इसकी भीषणता क्या है हम सब लोग समझ रहे हैं. परन्तु इस काल खंड में भी हिम्मत के साथ, साहस के साथ परिश्रम पूर्वक, विचार पूर्वक जितना भी हम करेंगे, उतना ही समाज के लिए उपयुक्त सिद्ध होगा।
इस पर्व के निमित्त से,फिर भगवान राम का स्मरण करतेहुए,इस संकट से हम बाहर निकल सकेंगे.इस विश्वास के साथ आने वाले 2सप्ताह हम इसी प्रकार के काममें लगे रहें यही आप सब लोगों से अपेक्षाहै।समाज का भी जागरण करते हुए,समाज भी इस कार्य का सहभागी बनें इसके लिए भी हम प्रयत्न करेंगे।
आज का यह रामनवमी का पर्व इसी प्रकार का सन्देश समाज रक्षा का, समाज की सेवा का, समाज जागरण का सन्देश आज हम सबको दे रहा है. मैं फिर एक बार इस पर्व की आप सबको मेरी शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं।
Created On :   2 April 2020 1:17 PM IST